भाजपा की अराजकता अस्वीकार्य और लोकतंत्र विरोधी : राजीव महर्षि।
शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।8210438343,9771609900
देहरादून 6 जनवरी 22।
उत्तराखण्ड की जनता सत्ता से भाजपा की विदाई का मन बना चुकी है, दीवार पर लिखी यह इबारत साफ साफ पढ़ी जा सकती है। यह कहना है उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि का। राजीव महर्षि ने आज जारी वक्तव्य में कहा कि गुरुवार को भाजपा युवा मोर्चा ने देहरादून कांग्रेस भवन के बाहर जो अराजकता की, वह अस्वीकार्य और लोकतंत्र विरोधी है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस दफ़्तर के गेट पर तांडव किया गया वह उकसाने वाली कार्रवाई थी लेकिन कांग्रेस ने धैर्य का परिचय देकर टकराव को टाल दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को इस तरह की अशोभनीय और ओछी हरकतों से परहेज करना चाहिए वरना उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र में सबका अधिकार है लेकिन उसके लिए भी लक्ष्मण रेखा होती है और भाजपा युवा मोर्चा ने आज उसे लाँघ कर निंदनीय प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि पाँच वर्ष के दौरान भाजपा के तीनों मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र, तीरथ और धामी ने उत्तराखंड का विकास का पहिया रोके रखा है। लोगों का जीवन सुखद, सरल और सामान्य बनाये रखने का इन नेताओं ने कोई प्रयास नहीं किया। तीनों ने प्रदेश का विकास नहीं होने दिया। यह बात उत्तराखंड की जनता बखूबी समझती है, इसलिए राज्य की जनता इस चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करके रहेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में नित नई उन्चाई छू रही महंगाई से आम लोग त्रस्त हैं। लोग महंगाई से कराह रहे हैं लेकिन भाजपा के नेताओं को उससे कोई फर्क नहीं पड़ा है।
भाजपा महंगाई नियन्त्रित करने के बजाय सीएम का चेहरा बदलने में व्यस्त रही है जबकि चेहरा बदलने से महंगाई कम नहीं हो जाती है, जनता भाजपा के इस खेल को समझ रही है। इसी कारण जनता ने उत्तराखंड से भाजपा की विदाई तय कर दी है।
महर्षि ने कहा कि चाहे कोरोना प्रबन्धन हो या कुम्भ का आयोजन हो, रोजगार हो या शिक्षा, स्वास्थ्य या महंगाई का हो, हर पैमाने पर भाजपा नाकाम रही है। सच तो यह है कि भाजपा के लोग जनता को अपने हाल पर मरने के लिए छोड़ देते हैं और भाजपा वाले जनता की समस्याओं से अक्सर मुँह मोड़ लेते हैं। उन्होंने कहा कि बार बार चेहरा बदलने के बावजूद भाजपा ने प्रदेश की जनता के प्रति जिम्मेदारी नहीं निभाई। जनता के बुनियादी मुद्दे जस के तस हैं। इसी कारण जनता कांग्रेस की ओर उम्मीद की नजर से देख रही है और 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बात की पुष्टि कर देंगे।