पर्यटन की दृष्टि से कण्वाश्रम को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार: महाराज।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में कण्वाश्रम महोत्सव का शानदार आगाज
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कोटद्वार 13 फरवरी 2024। कण्वाश्रम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके पुर्णोद्धार के लिए शीघ्र ही योजनाएं धरातल पर उतारी जायेंगी।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मभूमि, महर्षि कण्व की तपस्थली कण्वाश्रम में आयोजित “कण्वाश्रम महोत्सव” में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कही।
“कण्वाश्रम महोत्सव” में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बसंतोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के प्राचीनतम विश्वविद्यालय और महर्षि कण्व की तपस्थली कण्वाश्रम कोटद्वार भाबर क्षेत्र एक प्रमुख ऐतिहासिक एवं पौराणिक केंद्र है। यह शिवालिक की तलहटी में मालिनी नदी के दोनों तटों पर स्थित छोटे-छोटे आश्रमों का प्रख्यात विद्यापीठ रहा है। प्राचीन काल में यहां उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा थी।
महाराज ने कहा कि कण्वाश्रम, कण्व ऋषि का वही आश्रम है जहां हस्तिनापुर के राजा दुष्यन्त तथा शकुंतला के पुत्र भरत का जन्म हुआ था। यह लगभग 3500 साल पुराना है, जो ऋषि वशिष्ठ और महर्षि ऋषि कण्व का आश्रम हुआ करता था। जिसका उल्लेख कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है।
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि कण्वाश्रम महोत्सव आयोजन समिति कण्वाश्रम की ऐतिहासिक महत्ता, लोकप्रियता के दृष्टिगत प्रतिवर्ष बसंती पंचमी के शुभ अवसर पर कण्वाश्रम महोत्सव का आयोजन करता रहा है। इस बार इस आयोजन में बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों का समागम किया गया है। इस बार राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक दलों को भी इस महोत्सव में आमंत्रित किया गया है जो कि प्रशंसनीय है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कण्वाश्रम में चक्रवर्ती सम्राट महाराज भरत की मूर्ति के निर्माण हेतु 79.74 लाख की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। पहले चरण में रू0 47,84,400.00 स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कण्वाश्रम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके पुर्णोद्धार के लिए शीघ्र ही योजनाएं धरातल पर उतारी जायेंगी।
उन्होंने कण्वाश्रम महोत्सव आयोजन के लिए आयोजन समिति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कण्वाश्रम महोत्सव का यह आयोजन चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्म स्थली को चिन्हित कर गौरान्वित करता है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खण्डूड़ी, आयोजन समिति के अध्यक्ष राज गौरव नौटियाल, योगीराज विश्व पाल जयंत, मेला संयोजक, मंजुल डबराल, वीरेन्द्र भारद्वाज, पार्षद सौरभ नौटियाल, मनीष भट्ट, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रामेश्वरी देवी, नगर अध्यक्ष नीना बैंजवाल, शशिबाला केष्टवाल,
बीना रावत, सिमरन बिष्ट, रानी नेगी आदि अनेक लोग उपस्थित थे।कोटद्वार 13 फरवरी 2024। कण्वाश्रम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके पुर्णोद्धार के लिए शीघ्र ही योजनाएं धरातल पर उतारी जायेंगी। उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मभूमि, महर्षि कण्व की तपस्थली कण्वाश्रम में आयोजित “कण्वाश्रम महोत्सव” में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कही। “कण्वाश्रम महोत्सव” में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बसंतोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के प्राचीनतम विश्वविद्यालय और महर्षि कण्व की तपस्थली कण्वाश्रम कोटद्वार भाबर क्षेत्र एक प्रमुख ऐतिहासिक एवं पौराणिक केंद्र है। यह शिवालिक की तलहटी में मालिनी नदी के दोनों तटों पर स्थित छोटे-छोटे आश्रमों का प्रख्यात विद्यापीठ रहा है। प्राचीन काल में यहां उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा थी। महाराज ने कहा कि कण्वाश्रम, कण्व ऋषि का वही आश्रम है जहां हस्तिनापुर के राजा दुष्यन्त तथा शकुंतला के पुत्र भरत का जन्म हुआ था। यह लगभग 3500 साल पुराना है, जो ऋषि वशिष्ठ और महर्षि ऋषि कण्व का आश्रम हुआ करता था। जिसका उल्लेख कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि कण्वाश्रम महोत्सव आयोजन समिति कण्वाश्रम की ऐतिहासिक महत्ता, लोकप्रियता के दृष्टिगत प्रतिवर्ष बसंती पंचमी के शुभ अवसर पर कण्वाश्रम महोत्सव का आयोजन करता रहा है। इस बार इस आयोजन में बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों का समागम किया गया है। इस बार राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक दलों को भी इस महोत्सव में आमंत्रित किया गया है जो कि प्रशंसनीय है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कण्वाश्रम में चक्रवर्ती सम्राट महाराज भरत की मूर्ति के निर्माण हेतु 79.74 लाख की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। पहले चरण में रू0 47,84,400.00 स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कण्वाश्रम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके पुर्णोद्धार के लिए शीघ्र ही योजनाएं धरातल पर उतारी जायेंगी। उन्होंने कण्वाश्रम महोत्सव आयोजन के लिए आयोजन समिति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कण्वाश्रम महोत्सव का यह आयोजन चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्म स्थली को चिन्हित कर गौरान्वित करता है। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष रितु खण्डूड़ी, आयोजन समिति के अध्यक्ष राज गौरव नौटियाल, योगीराज विश्व पाल जयंत, मेला संयोजक, मंजुल डबराल, वीरेन्द्र भारद्वाज, पार्षद सौरभ नौटियाल, मनीष भट्ट, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रामेश्वरी देवी, नगर अध्यक्ष नीना बैंजवाल, शशिबाला केष्टवाल, बीना रावत, सिमरन बिष्ट, रानी नेगी आदि अनेक लोग उपस्थित थे।