उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के लिए चलेगा प्रशिक्षण सत्र ।

0
IMG-20211123-WA0015
Spread the love

*माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू, कटरा के चार विशेषज्ञों देंगे  प्रशिक्षण*


देहरादून 23 नवंबर। चार धाम यात्रा और 15 चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) की ओर से उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा। निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू, कटरा के चार विशेषज्ञों की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने अपने कैंप कार्यालय सुभाष रोड़ पर मंगलवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए कही।

प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने अपने कैंप कार्यालय सुभाष रोड़ पर मंगलवार को पर्यटन विभाग द्वारा चार धाम यात्रा और 15 चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों जगह होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में करीब 70 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 नवंबर से शुरू किया जाएगा।

यह भी पढ़ें -  स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने किया उत्तराखंड विधानसभा में शैक्षणिक भ्रमण।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की मसाज) हमारी प्राचीन चिकित्सा है। रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा है, जो भारत साहित अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है।

उन्होने कहा कि रिफ्लेक्सोलॉजी एक ऐसी थ्योरी पर काम करती है जो शरीर के अंगों और तंत्रों से जुड़ी होती है। शरीर के कुछ अंगों पर दबाव देने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं। रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किये अंगूठे, अंगुली और हस्त तकनीक द्वारा पैर और हाथ पर दबाव डाला जाता है।

यह भी पढ़ें -  सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने किया सैन्य धाम का निरीक्षण ।

श्री महाराज ने कहा कि पैरों की मसाज करने से तनाव काफी कम हो जाता है। यह चिकित्सा ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करता है और व्यक्ति को शांति और आराम मिलता है। कई लोग बीमारी के शारीरिक लक्षणों, जैसे कि सिरदर्द, थकान और अनिद्रा के साथ मदद करने के लिए रिफ्लेक्सोलॉजी उपचार की तलाश करते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस 2,000 साल पुरानी मालिश चिकित्सा का ज्ञान और तकनीक बौद्ध भिक्षुओं के गुप्त रहस्य थे। जिन्हें जीवित रखा गया और पीढ़ियों से पारित किया गया।

यह भी पढ़ें -  रुद्रपुर में अमित शाह के दौरे की तैयारी तेज, जनपद प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने की बैठक, 19 जुलाई को होगा ₹1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी का भव्य आयोजन।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से चार धाम और अन्य स्थानों पर जाने वाले हमारे तीर्थयात्रियों के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

प्रशिक्षित फुट थेरेपिस्ट रिफ्लेक्सोलॉजी के लिए 150 से 300 रुपये लेते हैं और प्रति दिन 1000 से 1500 रुपये तक कमा सकते हैं। इतना ही नहीं इससे तीर्थयात्रियों/पर्यटकों/ट्रेकरों को देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ों पर चलते हुए बहुत राहत भी मिलेगी। दुनिया भर में बड़ी संख्या में रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट इस तरह की सुविधा दे रहे हैं।

इस मौके पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी श्रीमती सुशीला बलूनी एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के एसीईओ अश्वनी पुण्डीर आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page