विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को वाहन चालक संघ ने दिया समर्थन।

0
Spread the love

कंधे से कंधा मिलाकर कार्मिकों की लड़ाई में देंगे सहयोग

शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।

देहरादून 7 फरवरी 2023। विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए मंगलवार को अखिल भारतीय राजकीय वाहन चालक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कुमार मौर्य व राजकीय वाहन चालक महासंघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष योगेश उपाध्याय धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बर्खास्त कर्मचारियों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि राष्ट्रीय वाहन चालक महासंघ तथा राज्य वाहन चालक महासंघ कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है।

   उन्होंने कहा कि 7 साल तक विधानसभा सचिवालय में संपूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ सेवाएं देने के बाद जिन कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए था उन्हें बाहर कर देना कहीं ना कहीं दुखद है, कर्मचारियों के साथ अन्याय है। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कुमार मौर्य ने कहा कि कर्मचारियों को आज इस तरह सड़क के किनारे बैठे देखकर उन्हें बड़ा कष्ट हो रहा है। कर्मचारियों के सामने आज रोजी रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। बच्चों की स्कूल, कॉलेज की फीस, बैंक लोन की किस्तें तथा मकान का किराया देने में किस तरह की दिक्कतों का सामना इन कर्मचारियों को करना पड़ रहा है, एक कर्मचारी होने के यह सोचकर ही बड़ा दुख होता है।

यह भी पढ़ें -  "मन की बात" कार्यक्रम जनता से सीधे संवाद: महाराज।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूर्व में विधानसभा सचिवालय में कर्मचारियों का भी नियमितीकरण किया गया है उसी तरह इन कर्मचारियों को भी विनियमित किया जाना चाहिए था, लेकिन भेदभाव करते हुए इन्हें बाहर कर देना अन्याय पूर्ण है। जो व्यवस्था विधानसभा ने नियुक्ति की बनाई उसी व्यवस्था के तहत यह कर्मचारी विधानसभा में आए, ऐसे में इन कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री को इन कर्मचारियों की मांगों पर गौर करते हुए इनकी पारिवारिक तथा आर्थिक स्थिति को देखते हुए इन्हें पुनः सेवा में बहाल करना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि जल्द ही वे इस संबंध में मुख्यमंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कर्मचारियों के पुनः बहाली का अनुरोध करेंगे।

  वहीं राजकीय वाहन चालक महासंघ उत्तराखंड के अध्यक्ष योगेश उपाध्याय ने भी कर्मचारियों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि राज्य निर्माण के बाद से वर्तमान तक जब विधानसभा में नियुक्ति की प्रक्रिया एक जैसी है तो फिर कार्रवाई में इस तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए था। यह प्रक्रिया की खामी है, इसका दंड निर्दोष कर्मचारियों को नहीं मिलना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री को उनके परिवारों के बारे में सोचना चाहिए उनके बच्चों के बारे में सोचना चाहिए कि उनका भविष्य कैसे सुरक्षित हो सकता है। 6 से 7 साल की सेवाएं कोई छोटी सेवा नहीं है।

यह भी पढ़ें -  गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के अंतर्गत अपनी माताजी संग किया पौधा रोपण।

इन कर्मचारियों ने समर्पित भाव से विधानसभा में अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। आज जिस संकट से यह कर्मचारी गुजर रहे हैं, उसकी कल्पना मात्र से ही बड़ा कष्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को और विधानसभा अध्यक्ष को बैठकर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए।

   इस दौरान शगुन दीप, आनंद गोस्वामी, राजीव शाह, देवदत्त पोखरियाल, धर्मेंद्र कार्की, मनीष भगत, हेमंत जोशी, प्रदीप सिंह, कौशिक हरीश भट्ट, राहुल पांडे , हिमांशु पांडे, कविता फर्त्याल, भगवती सानी एवं अन्य समस्त बर्खास्त कार्मिक उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page