मोदी के ड्रीम और धामी की मॉनिटरिंग पर जनता की मुहर।

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देहरादून 23 नवंबर 2024। केदारनाथ में भाजपा की जीत के खास मायने, केदारघाटी को मोदी धामी पर पक्का भरोसा
देहरादून। केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा की शानदार जीत से एक बात साफ है। केदार घाटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मॉनिटरिंग पर पक्का भरोसा है। केदारनाथ के मतदाताओं के नजरिए से मोदी धामी की जोड़ी एकदम हिट है। ये ही वजह है कि चुनाव के दौरान के तमाम दुष्प्रचारों पर मतदाताओं ने अपने वोट के जरिए तगड़ी चोट कर दी है।
केदारनाथ उपचुनाव के दौरान कुछ सवाल प्रमुखता से उभर रहे थे। मसलन, वर्ष 2013 की आपदा से तहस नहस हुई केदारपुरी को संवारने के लिए जो तपस्या मोदी ने की है,उसे जनता कितना याद रखेगी। केदारनाथ में विकास का जो काम अब भी लगातार चल रहा है, उसका कितना प्रभाव रहेगा। राज्य की धामी सरकार के प्रयासों से चार धाम यात्रा हर वर्ष यात्रियों की संख्या के जो नए रिकॉर्ड बना रही है, उसे मतदाता वोट डालते समय कहीं भूल तो नहीं जायेंगे। आखिर ये मामूली बात नहीं कि हाल में संपन्न हुई चारधाम यात्रा में अकेले केदारनाथ धाम में 16 लाख से ज्यादा यात्रियों की आमद दर्ज हुई है। इन स्थितियों के बीच, मतदाताओं ने सब कुछ याद रखा और केंद्र व राज्य सरकार के काम पर ऐसी मुहर लगा दी है, कि किसी के लिए कुछ कहने को नहीं रहा है।

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दोहरी जिम्मेदारी में धामी ने मनवाया लोहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ उपचुनाव में प्रभावी रोड शो और जनसंपर्क से मतदाताओं को भाजपा से जोड़ा। धामी के सक्रिय चुनाव प्रचार ने भाजपा को मजबूती दी ओर इस प्रतिष्ठित उपचुनाव में पार्टी की जीत की बुनियाद रखी। यह कम महत्वपूर्ण नहीं रहा कि एक तरफ धामी केदारनाथ के चुनाव में जुटे, तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के स्टार प्रचारक बतौर नजर आए। दोहरी जिम्मेदारी निभाने का ये इनाम भी मिला है कि दोनों ही जगह से भाजपा की जीत की खबर आई है।

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विरोधियों के दुष्प्रचार की हवा निकली
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की स्थापना, केदारनाथ मंदिर के सोने का पीतल में परिवर्तन, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग जैसे आरोपों को लेकर विरोधी चुनाव मैदान में थे। भाजपा हारती तो इन आरोपों को मजबूती मिलती, मगर मतदाताओं ने इन्हें एक सिरे से नकार कर इनकी हवा निकाल दी है।

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