चंडीगढ़ में 47वीं जीएसटी कॉउंसिल की दो दिवसीय बैठक में शामिल हुए वित्त मंत्री।

0
Spread the love

शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।8210438343,9771609900

चंडीगढ़ 29 जून 2022।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में 47वीं जीएसटी कॉउंसिल की दो दिवसीय बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में उत्तराखंड के वित मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल शामिल हुए। बैठक के बीच डॉ अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने जीएसटी परिषद को जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति की जानकारी दी और जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। इस सन्दर्भ में डॉ अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन भी दिया।

बैठक के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री से हुई मुलाकात में वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के गठन के समय वर्ष 2000-2001 में प्राप्त संग्रह 233 करोड़ था, नया राज्य गठन होने के बावजूद उत्तराखंड लगातार इस ओर वृद्धि प्राप्त कर रहा था। वर्ष 2016-17 में प्राप्त संग्रह राज्य गठन के समय से लगभग 31 गुना बढ़कर रू0 7,143 करोड़ हो गया था। इस अवधि राजस्व प्राप्ति के दृष्टिगत राज्य लगभग 19 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा था और वृद्धि दर के आधार पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल था।

यह भी पढ़ें -  कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सेवा पकवाड़ा के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में प्रतिभाग कर सड़क पर झाड़ू लगाकर किया स्वच्छता में श्रमदान।

जबकि जीएसटी लागू होने के उपरान्त राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि दर्ज नहीं की जा सकी है।

वित्त मंत्री ने इसके प्रमुख कारण भी गिनाये। उन्होंने कहा कि संरचनात्मक परिवर्तन, न्यून उपभोग आधार, एसजीएसटी के रूप में भुगतान किए गए करों का आईजीएसटी के माध्यम से बहिर्गमन, वस्तुओं पर वैट की तुलना में कर की प्रभावी दर कम होना, राज्य में सेवा का अपर्याप्त आधार तथा जीएसटी के अन्तर्गत वस्तुओं तथा सेवाओं पर कर दर में निरन्तर कमी होना हैं।

वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य द्वारा प्राप्त वास्तविक राजस्व के कम रहने के कारण राज्य की जीएसटी प्रतिपूर्ति की आवश्यकता में निरंतर वृद्धि हुयी है। यह सम्भावित है कि क्षतिपूर्ति अवधि की समाप्ति के उपरान्त वर्ष 2022-23 में ही राज्य को लगभग सीधे तौर पर रू0 5000 करोड़ की हानि होने की संभावना है। जो उत्तराखंड के भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से सही नही है।

यह भी पढ़ें -  कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने गढ़ी कैंट में अमर शहीद मेजर दुर्गामल्ल की पुण्यतिथि पर उन्हें की श्रद्धांजलि अर्पित।

वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य की चीन और नेपाल के साथ एक लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है, जिसके कारण राज्य का अत्यधिक सामरिक महत्व है। सीमांत पर्वतीय राज्य होने के कारण सुविधाओं के अभाव में पलायन राज्य की एक मुख्य समस्या रहा है। सीमांत क्षेत्रों से पलायन राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त संवेदनशील है इसीलिए राज्य में आधार संरचना का विकास किया जाना अत्यधिक आवश्यक है। इस प्रकार राज्य में आधार संरचना विकसित किये जाने तथा अन्य विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व संसाधनों की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें -  धामी सरकार की उपनल कर्मचारियों के हित में बड़ी पहल, सभी कार्मिकों को मिलेगा 50 लाख का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस।

वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति पर राज्य की अत्यधिक निर्भरता होने के कारण क्षतिपूर्ति व्यवस्था के अभाव में राज्य के विकास एवं जन कल्याणकारी कार्य प्रतिकूल रूप से प्रभावित होंगे।

वित्त मंत्री डॉ. अगवाल ने इस बात पर जोर दिया कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून, 2022 के पश्चात भी अग्रेत्तर वर्षों के लिये बढ़ाया जाना राज्य के हित में आवश्यक है। इस संदर्भ में डॉ अग्रवाल ने ज्ञापन भी दिया।

इस मौके पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सकारात्मक कार्यवाही का भरोसा डॉ अग्रवाल को दिया। वहीं, डॉ अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री को वर्षाकाल के बाद चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार भी किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page