खादी प्रदर्शनी: बकरी के दूध से बने साबुन की हो रही खूब डिमांड।
देहरादून 15 फरवरी 2024। राजधानी के रेसकोर्स स्थित गुरुनानक नानक पब्लिक इंटर कॉलेज में आयोजित खादी महोत्सव में बकरी के दूध से बने उत्पाद धूम मचा रहे हैं। खास कर बकरी के दूध से बने साबुन की काफी खरीदारी लोग कर रहे हैं।
प्रदर्शनी में लगभग 70 स्टॉल लगे हैं जिनमें अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधि अपने यहां के खास उत्पाद लेकर आये हैं। खादी महोत्सव में उमड़ रही भीड़ स्थानीय उत्पादों के साथ ही अन्य राज्यों के उत्पादों को खरीदने में भी काफी रूचि दिखा रहे हैं।
महोत्सव में स्किन केयर के उत्पादों का स्टॉल लगाने वाली शुभिता का कहना है कि जिस तहर से औषधीय पौधों को खाने से हमारे स्वास्थ्य पर उसका बेहतर असर दिखाई देता है उसी तरह से उनका प्रयोग त्वचा के लिए वरदान साबित होता है। कहा कि बकरी का दूध पीने के लिए जितना स्वास्थ्यवर्धक होता है उतना ही अच्छा बकरी के दूध से बना साबुन त्वचा के लिए होता है। शुभिता का कहना है कि मात्र 10 हजार रूपये से उन्होंने स्किन केयर ऑफ वैलनेस नाम से स्टार्टअप शुरू किया था और आज अच्छी-खासी आमदनी होती है। आज उनके उत्पाद काफी पसंद किया जा रहे हैं। बकरी के दूध से बने साबुन को एक नवजात शिशु से लेकर बड़े लोग तक प्रयोग कर सकते हैं। साबुन में किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
देहरादून 15 फरवरी 2024। राजधानी के रेसकोर्स स्थित गुरुनानक नानक पब्लिक इंटर कॉलेज में आयोजित खादी महोत्सव में बकरी के दूध से बने उत्पाद धूम मचा रहे हैं। खास कर बकरी के दूध से बने साबुन की काफी खरीदारी लोग कर रहे हैं। प्रदर्शनी में लगभग 70 स्टॉल लगे हैं जिनमें अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधि अपने यहां के खास उत्पाद लेकर आये हैं। खादी महोत्सव में उमड़ रही भीड़ स्थानीय उत्पादों के साथ ही अन्य राज्यों के उत्पादों को खरीदने में भी काफी रूचि दिखा रहे हैं। महोत्सव में स्किन केयर के उत्पादों का स्टॉल लगाने वाली शुभिता का कहना है कि जिस तहर से औषधीय पौधों को खाने से हमारे स्वास्थ्य पर उसका बेहतर असर दिखाई देता है उसी तरह से उनका प्रयोग त्वचा के लिए वरदान साबित होता है। कहा कि बकरी का दूध पीने के लिए जितना स्वास्थ्यवर्धक होता है उतना ही अच्छा बकरी के दूध से बना साबुन त्वचा के लिए होता है। शुभिता का कहना है कि मात्र 10 हजार रूपये से उन्होंने स्किन केयर ऑफ वैलनेस नाम से स्टार्टअप शुरू किया था और आज अच्छी-खासी आमदनी होती है। आज उनके उत्पाद काफी पसंद किया जा रहे हैं। बकरी के दूध से बने साबुन को एक नवजात शिशु से लेकर बड़े लोग तक प्रयोग कर सकते हैं। साबुन में किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है। वहीं मेले में लगे अन्य स्टॉलों में पहाड़ी दालों की भी लोग खरीदारी कर रहे हैं। अन्य राज्यों के लगे स्टालों में सूट, कश्मीरी शॉल भी खरीदे जा रहे हैं। खादी महोत्सव में विनोद खंडूरी सांसद प्रतिनिधि एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना उत्तराखण्ड इस मौके पर राज्य निदेशक संजीव राय, सहायक निदेशक प्रथम बी.एस. कंडारी, सहायक निदेशक द्वितीय के.एस. मलिक सांस्कृतिक संध्या के दौरान प्रयास जागरुकता मंच ने नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। प्रयास जागरुकता मंच ने नाटक की प्रस्तुति के जरिए शहरी और ग्रामीण रोजगार योजना के बारे में मेले में मौजूद लोगों को जानकारी दी और उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रयास जागरुकता मंच के विशाल, सावन, गायत्री टम्टा, अंशिका जैन, जसपाल, नीतीश, ऋतुराज, राकेश, शिवम कंबोज और कुणाल ने नाटक में अभिनय किया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गढ़वाली गायक जसपाल और संदीप रावत के गीतों पर लोग जमकर झूमे।वहीं मेले में लगे अन्य स्टॉलों में पहाड़ी दालों की भी लोग खरीदारी कर रहे हैं। अन्य राज्यों के लगे स्टालों में सूट, कश्मीरी शॉल भी खरीदे जा रहे हैं। खादी महोत्सव में विनोद खंडूरी सांसद प्रतिनिधि एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना उत्तराखण्ड इस मौके पर राज्य निदेशक संजीव राय, सहायक निदेशक प्रथम बी.एस. कंडारी, सहायक निदेशक द्वितीय के.एस. मलिक सांस्कृतिक संध्या के दौरान प्रयास जागरुकता मंच ने नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। प्रयास जागरुकता मंच ने नाटक की प्रस्तुति के जरिए शहरी और ग्रामीण रोजगार योजना के बारे में मेले में मौजूद लोगों को जानकारी दी और उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रयास जागरुकता मंच के विशाल, सावन, गायत्री टम्टा, अंशिका जैन, जसपाल, नीतीश, ऋतुराज, राकेश, शिवम कंबोज और कुणाल ने नाटक में अभिनय किया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गढ़वाली गायक जसपाल और संदीप रावत के गीतों पर लोग जमकर झूमे।