रावत – रावत न खेलकर “पुष्कर सिंह धामी” को पहले ही प्रदेश की बागडोर सौंप दी होती तो 2022 में होती 60 सीटें पार..

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नरेश भारद्वाज की कलम✒ से उतराखंड #बिशेष – #ग्राम #प्रधान #मानदेय

प्रथमत: मा० मुख्यमंत्री जी को हार्दिक साधुवाद ग्राम प्रधानो की सुध लेने के लिये. हमारी दृढ़ सोच है अगर भाजपा रावत रावत के खेल में न उलझ कर पहले ही स्नेही धामी जी को बागडोर सौंप देती तो 2022 में 60 पार निश्चित होती l

बेशक चुनावी पर्व में घोषणा हुई लेकिन यहाँ चूक गए धामी जी. प्रधान जी और उनके परिवार की वोट तो पक्की कर दी लेकिन शायद भूल गए की ग्राम सभा में प्रधान एक ही होता है बाक़ी विकास के मारे ग्रामीण होते हैं ? वो कैसे और क्यूँ वोट देंगे जो विकास फ़ण्ड की होती बंदर बाँट अपनी आँखो से देखते हुई भी मन मसोस कर रह जाते हैं. गहराई में न जाकर वर्तमान में ₹ २०००० के कोरोना फ़ण्ड की बात करेंगे. कैसे ये धन ग़ायब हुआ ब्लाक अधिकारी/कर्मचारियों के चमत्कार से आज भी रहस्य बना हुआ है. लगता है इसकी खवर हमारे ऊर्जावान मुख्यमंत्री जी तक नही पहुँची l

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इस चुनावी बोनस का ज़रूर फ़ायदा होता सरकार को अगर घोषणा निम्नवत होती :-
१) ब्लाक अधिकारी/कर्मचारियों के काले चमत्कारिक खेलों पर पूर्ण अंकुश के साथ प्रधान जी का मानदेय ₹ 5000 की घोषणा.
धामी जी, मतदाता जागरूक हो चुका. उन्हें ग्राम सभाओं में भ्रष्टाचार मुक्त विकास चाहिये, ग्राम प्रधानों को भी विकास खण्ड (ब्लाक) कार्यालय की गुण्डई और लूट से निजात चाहिये. अभी समय है तुरन्त इस पर ध्यान दीजिये, नही तो ये बोनस भी वोट बैंक नही बढ़ा पायेगा l

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Social Activist
नरेश भारद्वाज
संस्थापक अध्यक्ष
सर्वोत्थान सेवा संस्थान

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