बागेश्वर में “सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण अभियान” के तहत चित्र प्रदर्शनी व जनजागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ

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बागेश्वर में “सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण अभियान” के तहत चित्र प्रदर्शनी व जनजागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ

बागेश्वर, 7 नवम्बर।

केंद्रीय संचार ब्यूरो, नैनीताल (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार) के तत्वावधान में “11 वर्ष सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण अभियान” तथा सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज विकास भवन प्रांगण, बागेश्वर में दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी एवं जनजागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोंडे ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री श्री शिव सिंह बिष्ट, विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शोभा आर्या, जिला पर्यटन अधिकारी श्री पी.के. गौतम, थाना अध्यक्ष श्री अनिल उपाध्याय, भा.ज.पा. उपाध्यक्ष श्री संजय परिहार, तथा अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग कोच श्री सुंदर सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

विकास योजनाओं से आमजन के जीवन में आया सकारात्मक परिवर्तन
मुख्य अतिथि श्री शिव सिंह बिष्ट ने अपने संबोधन में कहा कि बीते एक दशक में केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं ने आमजन के जीवन को सरल और सम्मानजनक बनाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना, हर घर नल योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि “पहले जहां ग्रामीणों को पानी भरने के लिए मीलों दूर जाना पड़ता था, वहीं आज हर घर में नल की सुविधा उपलब्ध है। इसी प्रकार बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं ने पहाड़ों के विकास की दिशा को नई गति दी है।”

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महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित सरकार की योजनाएँ
विशिष्ट अतिथि श्रीमती शोभा आर्या ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा, “पिछले दस वर्षों में महिलाओं की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, लेकिन जब समाज ऐसी पहल से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेगा, तभी ‘विकसित भारत’ का सपना साकार हो सकेगा।”

पर्यटन से रोजगार सृजन की दिशा में कदम
जिला पर्यटन अधिकारी श्री पी.के. गौतम ने उत्तराखंड में पर्यटन को रोजगार का प्रमुख माध्यम बताते हुए कहा कि राज्य सरकार होमस्टे योजना, प्रशिक्षण कोर्स और सर्टिफिकेशन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि “यदि युवा पर्यटन आधारित व्यवसाय अपनाएं, तो उन्हें न केवल स्थायी आय का स्रोत मिलेगा बल्कि स्थानीय संस्कृति के संरक्षण में भी योगदान होगा।”

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सुशासन और सामाजिक सुरक्षा पर पुलिस का दृष्टिकोण
थाना अध्यक्ष श्री अनिल उपाध्याय ने सुशासन की अवधारणा को समाज में सुरक्षा और सेवा से जोड़ते हुए कहा कि पुलिस विभाग नागरिकों की सुरक्षा के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त की और यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। साथ ही साइबर ठगी, डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग जैसे अपराधों से सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि “नशे के विरुद्ध सामाजिक चेतना आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ और सुरक्षित रह सके।”

खेलों से नशामुक्त और स्वस्थ समाज की ओर
अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग कोच श्री सुंदर सिंह ने युवाओं से खेलों को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि उन्हें जर्मनी में कोचिंग का प्रस्ताव मिला था, किंतु देशप्रेम के कारण उन्होंने अपने ही जनपद में रहकर युवाओं को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, “नशे से दूर रहकर खेलों से जुड़ना ही सशक्त और विकसित भारत की दिशा में वास्तविक योगदान है।”

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ग्रामीण आजीविका और महिला स्वावलंबन का प्रदर्शन
कार्यक्रम में दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थानीय उत्पादों—सब्जियाँ, दालें, कृषि उत्पाद आदि—की प्रदर्शनी लगाई गई। आईसीडीएस विभाग की ओर से भी स्टॉल लगाया गया तथा मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट का वितरण किया गया।


कार्यक्रम के दौरान विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के मध्य चित्रकला प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें विजेता प्रतिभागियों को विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया।
शिशु मंदिर इंटर कॉलेज की छात्राओं ने उत्तराखंड के लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की सराहना प्राप्त की। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती श्रद्धा गुरूरानी तिवारी ने किया, जबकि आयोजन में श्री गोपेश बिष्ट और श्री भास्कर जोशी का विशेष योगदान कार्यक्रम को सफल बनाने में रहा।
अतिथि द्वारा एक पेड़ मां के नाम के तहत एक पेड़ भी रोपित किया गया।


‘वंदे मातरम्’ के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् गीत के सभी छंदों के सामूहिक गायन के साथ हुआ। यह दो दिवसीय आयोजन 7 और 8 नवम्बर को संपन्न होगा।

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