सूचना और प्रसारण मंत्रालय देहरादून मना रहा आजादी का अमृत महोत्सव
सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित की गई वेबीनार
सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर दिनांक 23.08.2021 से 29.08.2021 विशेष रूप से तक मनाए जा रहे आईकॉनिक वीक के तहत प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, देहरादून द्वारा आज एक वेबीनार आजादी और आत्मनिर्भर भारत का आयोजन किया गया ।
डॉ0 संतोष आशीष, सहायक निदेशक, आरओबी, देहरादून द्वारा सभी का स्वागत कर किया गया । वेबीनार के प्रारंभ में श्री आर0पी0सरोज, अपर महानिदेशक, आरओबी/पीआईबी, लखनऊ/देहरादून द्वारा सभी विशेषज्ञ वक्ताओं का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया । अपर महानिदेशक ने कहा की सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित इस विशेष आईकॉनिक वीक का उद्देश्य है कि भारत में आजादी के मतवालों को लेकर जो कुछ अनशन हीरोज हैं उन्हें लाइमलाइट में लाया जाए । स्वतंत्रता सेनानियों को आमंत्रित कर उन्हें सम्मान दिया जाए और जिनके नाम अंकित हम नहीं कर सके हैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएं, उन्हें याद किया जा सके । उन सपूतों को नमन किया जा सके, इसी उद्देश्य के साथ इस सप्ताह का आयोजन किया गया है । साथ ही आजादी के समय भारत कैसा था और आज हम कहां पहुंचे हैं, इस विकास यात्रा को दिखाया जाना भी एक उद्देश्य रहा । इस सप्ताह में कई प्रकार की गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण किया गया जिनमें चित्र प्रदर्शनी, चित्रकला प्रतियोगिता, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, गायन-नृत्य प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं वेबीनार, जन आंदोलन, विकास रथ यात्रा जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया जिनमें वेबीनार एक सशक्त माध्यम है ।
विशेषज्ञ वक्ता डॉ0 सुशील कुमार उपाध्याय, प्राचार्य/प्रोफेसर, चमनलाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लंढौरा, हरिद्वार ने बताया कि जब 75 वर्षों को देखा जाता है तो हम कैसे थे, मदारी और सपेरों का देश था । आज हम जितनी तकनीकी विषयों को देख पाते हैं तो इस अद्भुत यात्रा की रोचकता देखते ही बनती है । भौगोलिक रूप से भी 1947 का नक्शा और आज का नक्शा देखा जाए तो ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें उल्लेखनीय वृद्धि देखने को ना मिलती हो । लगभग 400 गुना वृद्धि देखने को मिलती हैं । आज हम कोरोना जैसे घातक बीमारियों के वैक्सीनेशन को लीड करते हैं यहां तक कि इससे पूर्व भी सभी घातक बीमारियों की वैक्सीनेशन में भारत में सबसे सस्ती और सफल दवाइयां बनाई है ,यह अपने आप में सबसे बड़ा स्थापित और सफल उपलब्धि रही है । श्री उपाध्याय ने कहा कि यह हमारा पड़ाव नहीं है, हमें अभी आधुनिकीकरण और आज के विचारों के साथ तालमेल बिठाकर आत्मनिर्भरता, विकास शीलता, का प्रतिनिधित्व करना है ।
डॉक्टर मीनू गोयल चौधरी, पूर्व सहायक प्रोफेसर, कवित्री/लेखिका, देहरादून ने देश के राष्ट्र-गीत की कुछ पंक्तियों से अपना वक्तव्य आरंभ करते हुए कहा कि वीर स्वतंत्रता सेनानियों को आजादी के दीवाने यूं ही नहीं कहा जाता, उन्हें अपनी मिट्टी से प्यार था । डॉक्टर मीनू गोयल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का व्यक्तिगत जिम्मेदारी है कि हम किसी भी योजना को जिंदा रख सके । देश की सफलता सबसे छोटी इकाई पर निर्भर करती है । देश की सबसे छोटी इकाई गांव और समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार होते हैं और किसी भी योजना को धरातल पर लाने और उन्हें बनाए रखने की जिम्मेदारी इन्हीं सबसे छोटी इकाइयों पर निर्भर करती है । आपने डिजिटइजेशन और एमएसएमई जैसी योजनाओं को उपलब्धि के रूप में बताया । आप ने साथ ही कहा कि आज के दौर में नैतिकता के स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता है ।
वेबीनार के अंत में उपस्थित श्रोताओं ने अपने कुछ सुझाव भी दिए और साथ ही कुछ प्रश्नों के साथ बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जिनमें का उत्तर विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा दिया गया । वेबीनार के अंत में डॉ0 संतोष आशीष द्वारा सभी वक्ताओं और श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित कर कोरोना के आगामी 3 महीने और सजगता बरतने और सतर्कता के साथ चलने के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया ।