उच्चतम न्यायालय के फैसले से प्रदेश के सभी युवाओं का सरकार एवं न्यायालय पर और गहरा हुआ भरोसा – विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी।

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देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किए गए 228 कर्मियों के बर्खास्तगी फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने भी मुहर लगा दी। कर्मियों के विशेष याचिका (SLP) को उच्चतम न्यायालय के खंडपीठ ने निरस्त कर दिया।

ज्ञातव्य है कि ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 3 सितंबर 2022 को उत्तराखंड विधानसभा भर्ती प्रकरण के संदर्भ में, डीके कोटिया के नेतृत्व वाली एक तीन सदस्य जांच समिति का गठन किया था। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट 23 सितंबर 2022 को विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी जिसमें यह कहा गया था की सभी तदर्थ नियुक्तियां नियम सम्मत नहीं है। अतः समिति की सिफारिश पर फैसला लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।

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विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ निरस्त करनी उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जहां एकल पीठ ने कर्मियों के हक में फैसला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर से लगाया। इस फैसले के खिलाफ विधानसभा सचिवालय ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 2 सदस्यीय पीठ में अपील दायर किया। जहां 24 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष के बर्खास्तगी के फैसले को उच्च न्यायालय के 2 सदस्यीय पीठ ने सही ठहराया। तत्पश्चात कुछ बर्खास्त कर्मियों ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 2 सदस्य पीठ के निर्णय को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका दायर की थी।

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उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह न्याय की जीत है उत्तराखंड के लाखों युवाओं की जीत है। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से प्रदेश के सभी युवाओं का सरकार एवं न्यायालय पर भरोसा और भी गहरा होगा।

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