सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में पहुंचकर  औली रोपवे, मनोहरबाग, शंकराचार्य मठ, जेपी कालोनी आदि भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण।

0
Spread the love

शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।
जोशीमठ 15 जनवरी 2023।
सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में पहुंचकर औली रोपवे, मनोहरबाग, शंकराचार्य मठ, जेपी कालोनी आदि भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ भू-वैज्ञानिक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

सचिव आपदा प्रबंधन ने औली रोपवे तथा शंकराचार्य मठ के निकट के क्षेत्र तथा घरों में पड़ी दरारों का निरीक्षण किया | सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मकानों मे पड़ी दरारों तथा भू-धंसाव के पैटर्न रूट की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए | उन्होंने औली रोपवे के टावर पर दरारों की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए | डॉ सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को दरारों के पैटर्न तथा बढ़ोतरी की निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा।

यह भी पढ़ें -  राजकीय मेडिकल कॉलेजों को मिले 104 लैब टैक्नीशियन।

उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान ( एनजीआरआई ) हैदराबाद द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भु-भौतिकीय अध्ययन किया जा रहा है।

एनजीआरआई अंडर ग्राउंड वाटर चैनल का अध्ययन कर रही है | अध्ययन के पश्चात एनजीआरआई द्वारा जियोफिजिकल तथा हाइड्रोलाॅजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जायेगा। यह मैप जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान तथा स्टेबलाइजेशन प्लान में काम आएंगे।

यह भी पढ़ें -  विधानसभा अध्यक्ष ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कोटद्वार विधानसभा में विभिन्न कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि किया प्रतिभाग।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि सीबीआरआई, आईआईटी रुड़की, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस तथा एनजीआरआई जोशीमठ में कार्य कर रही है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page