स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने किया उत्तराखंड विधानसभा में शैक्षणिक भ्रमण।

लाइब्रेरी में संसदीय दस्तावेज़ों, नीति निर्माण व पर्यावरण विषयक साहित्य का किया गहन अध्ययन।
, देहरादून 15 जुलाई, 2025
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, जौलीग्रांट के जल एवं स्वच्छता विभाग और स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के शोधार्थी एवं शिक्षकगण मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा, देहरादून में एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर पहुँचे। इस भ्रमण का आयोजन विश्वविद्यालय और अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के मध्य हाल ही में हुए ऐतिहासिक एमओयू के तहत किया गया।
इस अवसर पर शोधार्थियों ने संस्थान द्वारा विधानसभा भवन में स्थापित आधुनिक लाइब्रेरी का अवलोकन किया और उसमें उपलब्ध संसदीय दस्तावेज़ों, नीति-निर्माण से जुड़े संसाधनों, जल एवं पर्यावरण संबंधित शोधपत्रों और विधायी प्रक्रियाओं का गंभीर अध्ययन किया। लाइब्रेरी के शांत एवं विद्वत्तापूर्ण वातावरण में अध्ययन करते हुए छात्रों ने शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने वाले कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझा।
शोधार्थियों ने लाइब्रेरी के अतिरिक्त विधानसभा परिसर और सदन का भी भ्रमण किया। इस दौरान उन्हें सदन की कार्यवाही से जुड़े विभिन्न कक्षों कार्यवाही, पटल, संसदीय, प्रश्न अनुभागों को देखने का अवसर मिला। छात्रों को राज्य की विधायी प्रक्रिया, नीति निर्माण की व्यवहारिक कार्यप्रणाली तथा शासन तंत्र के विभिन्न पहलुओं को निकट से जानने का अवसर प्राप्त हुआ।
इस शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली की गहराई, सार्वजनिक नीति की संरचना तथा राज्य संचालन की कार्यप्रणाली से जोड़ना भी था। इस प्रकार की सहभागिता छात्रों में अनुसंधान के प्रति नव दृष्टिकोण, विज्ञान एवं समाज के संबंधों की समझ, और राजनीति-विज्ञान तथा लोकनीति से संवाद की नई दिशा देती है।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 8 जुलाई 2025 को स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय एवं उत्तराखंड विधानसभा द्वारा भराड़ीसैंण में स्थापित अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के मध्य एक ऐतिहासिक एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने भी अपने बयान में इस बात पर बल दिया था कि राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक शोध एवं नीतिगत अध्ययन से जोड़ना समय की आवश्यकता है, तथा अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण जैसे संस्थानों के माध्यम से छात्रों को नीति-निर्माण, संसदीय अध्ययन और पर्यावरणीय शोध में भागीदारी हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए।
इस साझेदारी का उद्देश्य जल, स्वच्छता, पर्यावरण, और विज्ञान, नीति, क्रियान्वयन, शासन व्यवस्था, नीति-निर्माण जैसे विषयों पर संयुक्त शोध, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करना है। वर्तमान भ्रमण इस सहयोग की प्रारंभिक और महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक अनूठा अनुभव रहा, जिसने न केवल उनके शोध क्षितिज को विस्तारित किया, बल्कि उन्हें नीति और शासन की व्यवहारिक दुनिया से भी जोड़ने का कार्य किया। भविष्य में ऐसे ही और भी कार्यक्रमों के माध्यम से विश्वविद्यालय और विधानसभा के बीच की यह शैक्षणिक साझेदारी और सशक्त होती रहेगी।
शैक्षणिक भ्रमण में विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एवं व्यावसायिक और संचार समृद्धि केंद्र से जुड़े वरिष्ठ शिक्षकगण– डॉ. सीमा मधोक, डॉ. समीक्षा जोशी, डॉ. प्रियंक शर्मा, सौरभ वर्मा, तथा जल एवं स्वच्छता विभाग के समन्वयक सुजीत थपलियाल व सतेंद्र चौहान सम्मिलित रहे। साथ ही माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के 15 उत्साही छात्र-छात्राओं ने इस भ्रमण में सक्रिय सहभागिता की। इस अवसर पर विधान सभा के सचिव हेम चंद्र पंत सहित विधान सभा के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।