उत्तराखंड में हो सख्त भू कानून।
उत्तराखंड के अस्मिता के लिए सशक्त भूकानून के लिए लड़ेगी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी प्रकाशनार्थ 12 सितम्बर 2021 देहरादून प्रेस क्लब, देहरादून में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी जी ने कहा कि उत्तराखंड को एक विशेष भू कानून की जरूरत है। जिसके लिए पार्टी पूरे दमखम से प्रदेश भर में माहौल बनाने और आगामी विधानसभा में चुनावी मुद्दा बनाने का काम करेगी। उत्तराखंड राज्य निर्माण के 21 वर्षों में प्राकृतिक संसाधनों, ज़मीनों को पूंजीपतियों, माफियाओं को लूटा कर राज्य की अवधारणा को तार-तार करने वाले कांग्रेस भाजपा और उनके सहयोगी राजनीतिक दल चुनावी साल में अपने आते ही सशक्त भू कानून की बात करने लगे हैं। इसको संबोधन के अवसर पर योगराज त्यागी और अजय नारायण शर्मा भी उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने 2018 में भू कानून में संशोधन कर ‘पहाड़’ को बेहद गहरा जख्म दिया है। भाजपा को उत्तराखंडी लोगों के साथ गद्दारी के लिए माफी मांगनी चाहिए। उत्तराखंड में कृषि भूमि की खरीद की सीमा दोबारा निर्धारित की जानी चाहिए और.भूउपयोग परिवर्तन के संबंधित कानूनों को और ज्यादा सख्त बनाया जाना चाहिए। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी.तिवारी ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में कहा कि दिल्ली की कठपुतली सरकारों की चुनावी तिकड़मों बेरोज़गारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य की दुर्दशा कर 5 सालों तक बूथ कब्जाने की योजना बनाने वाले राजनीतिक दलों को यदि जनता ने सबक नहीं सिखाया तो यह राज्य पूरी तरह से तबाह हो जाएगा। पी.सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड के प्रखर जन संघर्षों की कोख से निकली उपपा राज्य की एकमात्र विश्वसनीय क्षेत्रीय पार्टी है जिसने राज्य को तबाह करने वाली उसकी अवधारणा को नष्ट करने वाले के खिलाफ खुली चुनौती दी है।
यहां पत्रकार वार्ता में उपपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में सशक्त भू कानून की उठ रही मांग के संबंध से सहमत है तो उसे कमेटी बनाकर नहीं वरन् मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा 3 साल पहले लाया गया असीमित कृषि भूमि की ख़रीद के कानून कानून को निरस्त कर पूर्वोत्तर राज्यों व देश के अन्य क्षेत्रों की तरह उत्तराखंड को संविधान के अनुच्छेद 371 के अंतर्गत सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव भेजना चाहिए। और राज्य बनने के बाद कृषि भूमि खरीदने के लिए अनुमतियों की समीक्षा कर उन्हें निरस्त करना चाहिए। तिवारी ने कहा कि अल्मोड़ा में डांडा कांडा और नानीसार जैसे क्षेत्रों में सरकार की अनुमति से जो जमीनी दी गई अनुमति जिस काम के लिए जमीने दी गई थीं, वह काम ना होकर के अन्य दूसरे काम किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में जो इन लोगों को जमीनें दी गई हैं और तुरंत निरस्त करके सरकार को अपने अंदर में ले लेना चाहिए। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए योगराज त्यागी ने बताया कि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी कुछ मजबूत सीटों पर अपने सहयोगी दलों के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। सोशल एक्टिविस्ट अजय नारायण शर्मा ने कहा कि प्रदेश भर में हो रहे भ्रष्टाचार, लालफीताशाही की वजह से लोगों को अपना हक नहीं मिल पा रहा है। परिवर्तन पार्टी की सूचना अधिकार विंग कोशिश करेगी ऐसे भ्रष्टाचारों को सूचना अधिकार से उजागर करके और जनता तक पहुंचाया जाए ।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की नीतियों से कृषि भूमि चौपट हो गई है। कोरोना काल में लौटे मूल निवासियों, प्रवासियों के पास काम नहीं है। पूरा उत्तराखंड आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशाओं, ठेकों की नौकरी पर कार्य कर रहे मज़दूर युवाओं के कारण चल रहा है जिसको बराबरी व न्याय की दरकार है। उपपा उन तमाम लोगों के साथ है। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि देश में पिछले नौ माह से चल रहे किसान आंदोलन की उपेक्षा करने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए जनता से 27 तारिख को भारत बन्द का समर्थन करने का आव्हान किया। तिवारी ने कहा कि आगामी चुनाव में सामाजिक आंदोलनों की ताकतों के साथ एकजुटता से उपपा सबसे प्रखर व विश्वसनीय राजनैतिक विकल्प के रूप में सामने आएगी।