श्रीनगर-खिूर्स का गुलदार नरभक्षी घोषित।

0
Spread the love

*कैबिनेट मंत्री डा. रावत के निर्देश पर हुई कार्रवाई*

*बैठक में नरभक्षी को शीघ्र मारने के दिये निर्देश*

देहरादून, 8 फरवरी 2024।
श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खिर्सू विकासखंड में तीन लोगों को निवाला बनाने वाले गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में मुख्य जीव प्रतिपालक उत्तराखंड की ओर से आदेश जारी कर अंतिम विकल्प के रूप में नरभक्षी गुलादर को मारने के आदेश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत द्वारा क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने गुलदार को नरभक्षी घोषित करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिये गये थे।

कैबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थिति डीएमएमसी सभागार में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिसमें उन्होंने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के निराकरण एवं क्षेत्र में स्वीकृत विभिन्न मोटर मार्गों के निर्माण संबंधी वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डा. रावत ने बताया कि खिर्सू-श्रीनगर क्षेत्र में आंतक का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग द्वारा नरभक्षी घोषित करते हुये मारने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों गुलदार द्वारा श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्वाड-खिर्सू में अंकित पुत्र राकेश सिंह, अयान पुत्र सलामुद्दीन अंसारी को अपना निवाला बनाया दिया था। इससे पहले भी गुलदार द्वारा एक अन्य को अपना शिकार बनाते हुये कई लोगों पर हमला कर दिया था। घटना के उपरांत वन विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित घटना स्थलों का दौरा कर गुलदार पर नजर रखी गई साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी पौड़ी वन प्रभाग के द्वारा गुलदार को पिंजड़ा लगाकर अथवा ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किये गये। विभागीय जांच-पड़ताल व परीक्षण के उपरांत उक्त गुलदार को दोनों घटनाओं में शामिल पाया गया। जिसके बाद मुख्य वन जीव प्रतिपालक उत्तराखंड डा. समीर सिन्हा की ओर से क्षेत्र में सक्रिय गुलदार को नरभक्षी घोषित करते हुये मारने के आदेश दे दिये गये हैं।

यह भी पढ़ें -  अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना विधानसभा परिसर भराडीसैंण, गैरसैंण में किया जाएगा : ऋतु खण्डूडी भूषण।

बैठक में मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव संरक्षक निशांत वर्मा, अपर सचिव वन विनीत कुमार, प्रभारी वनाधिकारी पौड़ी गढ़वाल स्वप्निल अनिरूद्ध सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बाॅक्स

खिर्सू में बनेगा दि हिमालयन पार्क
देहरादून प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज खिूर्स में देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने व जैव विविधता को बनाये रखने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा पार्क तैयार किया जायेगा। जिसका नाम द हिमालयन पार्क आॅफ खिर्सू रखा जायेगा।

देहरादून, 8 फरवरी 2024। श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खिर्सू विकासखंड में तीन लोगों को निवाला बनाने वाले गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में मुख्य जीव प्रतिपालक उत्तराखंड की ओर से आदेश जारी कर अंतिम विकल्प के रूप में नरभक्षी गुलादर को मारने के आदेश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत द्वारा क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने गुलदार को नरभक्षी घोषित करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिये गये थे। कैबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थिति डीएमएमसी सभागार में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिसमें उन्होंने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के निराकरण एवं क्षेत्र में स्वीकृत विभिन्न मोटर मार्गों के निर्माण संबंधी वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डा. रावत ने बताया कि खिर्सू-श्रीनगर क्षेत्र में आंतक का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग द्वारा नरभक्षी घोषित करते हुये मारने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों गुलदार द्वारा श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्वाड-खिर्सू में अंकित पुत्र राकेश सिंह, अयान पुत्र सलामुद्दीन अंसारी को अपना निवाला बनाया दिया था। इससे पहले भी गुलदार द्वारा एक अन्य को अपना शिकार बनाते हुये कई लोगों पर हमला कर दिया था। घटना के उपरांत वन विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित घटना स्थलों का दौरा कर गुलदार पर नजर रखी गई साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी पौड़ी वन प्रभाग के द्वारा गुलदार को पिंजड़ा लगाकर अथवा ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किये गये। विभागीय जांच-पड़ताल व परीक्षण के उपरांत उक्त गुलदार को दोनों घटनाओं में शामिल पाया गया। जिसके बाद मुख्य वन जीव प्रतिपालक उत्तराखंड डा. समीर सिन्हा की ओर से क्षेत्र में सक्रिय गुलदार को नरभक्षी घोषित करते हुये मारने के आदेश दे दिये गये हैं। बैठक में मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव संरक्षक निशांत वर्मा, अपर सचिव वन विनीत कुमार, प्रभारी वनाधिकारी पौड़ी गढ़वाल स्वप्निल अनिरूद्ध सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। *बाॅक्स* *खिर्सू में बनेगा दि हिमालयन पार्क* देहरादून प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज खिूर्स में देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने व जैव विविधता को बनाये रखने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा पार्क तैयार किया जायेगा। जिसका नाम द हिमालयन पार्क आॅफ खिर्सू रखा जायेगा। क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को पार्क के प्रस्ताव के साथ ही डीपीआर तैयार करने के भी निर्देश दे दिये गये हैं। जिसका प्रस्तुतिकरण वन विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा केन्द्रीय वन मंत्री के समक्ष दिया जायेगा ताकि पार्क के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार से बजट मांगा जा सके। डा. रावत ने बताया कि यूं तो खिर्सू पहले से ही अपने नैसर्गिक सौन्दर्य के कारण पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र रहा है। हिमालयन पार्क के निर्माण से खिूर्स के सौन्दर्य में चार चांद लगने की उम्मीद है। इससे पूर्व खिर्सू में उनके निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा पहाड़ी शैली के होम स्टे बासा का निर्माण भी कराया जा चुका है। जहां पर पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों से तैयार लजीज व्यंजन का स्वाद लेने का अवसर तो मिलता ही है साथ में स्थानीय संस्कृति को देखते व समझने का भी अवसर प्राप्त होता है।क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को पार्क के प्रस्ताव के साथ ही डीपीआर तैयार करने के भी निर्देश दे दिये गये हैं। जिसका प्रस्तुतिकरण वन विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा केन्द्रीय वन मंत्री के समक्ष दिया जायेगा ताकि पार्क के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार से बजट मांगा जा सके। डा. रावत ने बताया कि यूं तो खिर्सू पहले से ही अपने नैसर्गिक सौन्दर्य के कारण पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र रहा है। हिमालयन पार्क के निर्माण से खिूर्स के सौन्दर्य में चार चांद लगने की उम्मीद है। इससे पूर्व खिर्सू में उनके निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा पहाड़ी शैली के होम स्टे बासा का निर्माण भी कराया जा चुका है। जहां पर पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों से तैयार लजीज व्यंजन का स्वाद लेने का अवसर तो मिलता ही है साथ में स्थानीय संस्कृति को देखते व समझने का भी अवसर प्राप्त होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page