टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, ऋषिकेश में आयोजित 26वें अंतर केन्द्रीय विद्युत क्षेत्र उपक्रम (आईसीपीएसयू) कैरम टूर्नामेंट ने किया दूसरे दिन में प्रवेश ।

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ऋषिकेश, 25 जून, 2023 । टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा पावर स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड, पीएससीबी (एमओपी) के प्रतिष्ठित बैनर तले, ऋषिकेश में आयोजित पाँच दिवसीय 26वें अंतर केन्द्रीय विद्युत क्षेत्र उपक्रम (आईसीपीएसयू) कैरम टूर्नामेंट ने दूसरे दिन में प्रवेश किया।

24 से 28 जून तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में पावर सेक्टर की पुरूषों की 11 टीमें और महिलाओं की 08 टीमें शामिल हैं, जिनमें विद्युत मंत्रालय (एमओपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी), नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी), ग्रिड इंडिया, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल), नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको), पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी), रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरईसी), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) और मेजबान टीम टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) भाग ले रहीं हैं।

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कैरम प्रतियोगिता के दूसरे दिन टीम चैम्पियनशिप के महिला एवं पुरूष वर्ग के सेमीफाइनल व फाइनल मैच खेले गए। पुरुष टीम चैम्पियनशिप के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में टीम पीएफसी ने 3 -0 अंको से टीम सीईए को हराकर फाइनल में प्रवेश किया, दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में टीम पॉवरग्रिड ने 2-1 अंको से टीम एनएचपीसी को हराया और फाइनल में प्रवेश किया, फाइनल मुकाबले में टीम पीएफसी ने 2 -1 अंको से टीम पॉवरग्रिड को हराया और टीम चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया, वहीं टीम सीईए ने टीम एनएचपीसी को हराया और तीसरा स्थान प्राप्त किया । वहीं महिला टीम चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले में टीम एमओपी ने 2 -1 अंको से टीम पॉवरग्रिड को हराया और टीम चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया, टीम एसजेवीएनएल ने टीम सीईए को हराकर तीसरा स्थान अपने नाम किया |
टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता प्राप्‍त कर देश का अग्रणी विद्युत उत्पादक है, उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट और द्वारका में 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना और केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की सफलतापूर्वक कमीशनिंग को इसका श्रेय जाता है।

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