उमा ने “मिलेट्स का जायका, सेहत का फायदा” नाम से की पौष्टिक आहार व्यंजन प्रतियोगितामहिलाओं ने मोटे अनाज से बने व्यंजन को नया नाम, नया स्वाद देकर किया गया पेश।

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देहरादून 23 जून 2024।
उत्तरांचल महिला एसोसिएशन (उमा) ने अपने स्वास्थ जागरूकता कार्यक्रम के तहत “मिलेट्स का जायका सेहत का फायदा” नाम से कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें जानी-मानी डायटिशियन डॉ मीतू रस्तोगी ,डायटिशियन डॉ ऋचा कुकरेती व शैफ अंजना वाही ने
मोटे अनाज के फायदे बताए।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना,डी आई जी पुलिस पी रेनुका देवी,बी एफ आई टी चेयरमैन जे एस अरोरा व उनकी पत्नी राजेन्द्र कौर अरोरा, संपादक सुश्री इंद्राणी पांधी, उमा अध्यक्ष साधना शर्मा , सचिव नीलिमा गर्ग ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
तत्पश्चात कत्थक गुरु प्रभा सलूजा व शिष्याओं द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई।
उमा अध्यक्ष साधना शर्मा ने कहा हमारी युवा पीढ़ी ब बच्चों पर बढती पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव का ही परिणाम है कि वे अपने परम्परागत ख़ान पान दूर होकर विदेशी व फास्ट फूड के दीवाने हो रहे हैं जिसका दुष्प्रभाव उनकी सेहत पर पढ़ रहा है। ऐसे में उन्हें अपने पारंपरिक खान-पान व विशेषकर मोटे अनाज से बने व्यंजनों की विशेषता समझाने के लिए ही इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है ,
घर की महिला इस बात को समझ जाएंगी तो यह संदेश दूर दूर तक जाएगा।हम पिछले 22 वर्षो से इस प्रतियोगिता को करा रहे हैं जो काफी लोकप्रिय हो चुकी है।
पी रेनुका देवी ने कहा मोटा अनाज जिसे हमने अपने खान-पान से दूर कर दिया था उसकी विशेषता का ज्ञान हमें तब हुआ जब पूरे विश्व ने वर्ष 23 को मिलेट्स ईयर के रूप में मनाया।
डॉ गीता खन्ना ने कहा हमारे प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी के प्रयासों का ही नतीजा है कि पूरे विश्व के लोगों का ध्यान मोटे अनाज की ओर चला गया है। उन्होंने ही इसे श्री अन्न का दिया है।ज्यों ज्यों इसकी मांग बढ़ेगी उसी के अनुरूप किसानों की आय में भी इजाफा होगा। इस अवसर पर बोलते हुए मनोवैज्ञानिक डॉ. श्रवी अमर अत्री ने कहा कि भोजन खुश हार्मोन जारी करने और अच्छा महसूस कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भोजन आपके लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है मानसिक स्वास्थ्य के लिए
पौष्टिक आहार व्यंजन प्रतियोगिता में चालीस महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
जौ व रागी की इडली, ज्वार का पीजा व केक, मंडुवा सैंडबिच, बाजरे का हलवा, झिंगोरा पुडिंग,सत्तू कबाब, आदि व्यंजन प्रतियोगिता में आकर्षक का केंद्र रहे।
प्रतियोगिता को मीठा व नमकीन दो वर्गों में विभाजित किया गया।
जिसमें नमकीन व मीठा वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने बाली दो महिलाओं को उमा शैफ कैंप पहना कर उमा अन्नपूर्णा का खिताब दिया गया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी महिलाओं को अन्नपूर्णा प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाजा गया।
प्रतियोगिता का निर्णय
उमा अन्नपूर्णा खिताब –
1.श्रीमती
2,श्रीमती
द्वितीय स्थान – 1मीठा
2,नमकीन
तृतीय स्थान – 1,मीठा
2,नमकीन

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कार्यक्रम का संचालन अर्चना शर्मा ने किया

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