19 शिक्षकों की सेवा हुई समाप्त, दो निलंबित एक शिक्षक पर कार्यवाही को लेकर प्रबंधक को भेजा गया पत्र एसआईटी कर रही सात अन्य शिक्षकों की डिग्रियों की जांच फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षक बन गये मास्साब

0
IMG_20210913_141805
Spread the love


रुद्रप्रयाग जिले में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से कार्यवाही की जा रही है। अब तक 22 अध्यापकों के खिलाफ विभाग कार्यवाही कर चुका है, जबकि 7 अन्य टीचरों की एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच कर रही है। शिक्षा विभाग ने 19 अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी है, जिसमें एक अध्यापक की मृत्यु हो चुकी है और दो अध्यापकों को निलंबित किया गया है। विभाग ने एक अशासकीय शिक्षक के खिलाफ विद्यालय प्रबंधन समिति को कार्यवाही के लिए पत्र भेजा है।


बता दें कि लम्बे समय से एसआईटी की ओर से फर्जी शिक्षकों की गोपनीय जांच की जा रही है। जांच में कई अध्यापकों की डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं, जिन पर शिक्षा विभाग कार्यवाही कर रहा है। इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच बनाई अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी, लेकिन चैधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षो के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला। इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना जा रहा है।

यह भी पढ़ें -  कृषि मंत्री गणेश जोशी ने की विभागीय समीक्षा, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की फसलों के संबंध में अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश।

हाल ही में जिले के जनता जूनियर हाईस्कूल लुखन्द्रीधार में तैनात सहायक अध्यापक त्रिलोक सिंह कठैत की बीएड की डिग्री एसआईटी ने फर्जी पाई है। एसआईटी ने शिक्षा विभाग को इसमें तुरंत विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा कि त्रिलोक सिंह कठैत को सेवानिवृत्त होने में मात्र एक वर्ष बचा हुआ है। विद्यालय अशासकीय होने के कारण मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से स्कूल के प्रबंधक को पत्र भेजकर कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। इससे पूर्व कारगिल शहीद स्वर्गीय राम सिंह बुटोला मेमोरियल जू0हा0स्कूल जखन्याल गांव जखोली में भी प्रधानाध्यापक रघुवीर सिंह बुटोला की डिग्री फर्जी पाई गई थी। इन पर विभाग ने निलंबन की कार्यवाही की है, जबकि इसी विद्यालय के सहायक अध्यापक बीरेन्द्र सिंह की एक वर्ष पूर्व फर्जी डिग्री पाये जाने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है।  

यह भी पढ़ें -  मसूरी के बार्लोगंज निवासी हुकम सिंह रावत के घर पहुंचकर शोक संतप्त परिवार से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने किया मुलाकात।


रुद्रप्रयाग जिले में अब तक शिक्षा विभाग में 22 अध्यापकों की डिग्रियां एसआईटी की जांच में फर्जी पाई जा चुकी हैं, जबकि अभी सात अन्य गुरूजी एसआईटी की जांच के दायरे में हैं। शिक्षा विभाग में इतने व्यापक पैमाने पर फर्जी अध्यापकों की नियुक्ति शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा कर रही है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्ति के समय ही डिग्रियों की जांच होनी चाहिए थी, लेकिन उस समय शिक्षा विभाग में बड़ा खेल खेलकर इन शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। जांच से बचने के लिए शिक्षक अब कोर्ट की शरण ले रहे हैं। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सही तरीके से कार्यवाही होनी जरूरी है और मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें -  फ्लेबोटोमिस्ट ट्रेनिंग सेंटर से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर: ऋतु खण्डूडी भूषण।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page