श्री मदभागवत के पंचम दिन श्री कृष्णा भगवान की बाललीलाओं का किया गया वर्णन।
श्रीधाम वृंदावन से पधारे गौड़ीय वैष्णव आचार्य गोस्वामी राजेश किशोर महाराज जी, महाराजा वेडिंग प्वाइन्ट, कोद्वार में चल रही श्री मदभागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ” में आज कथा के पंचमदिवस भगवान श्री कृष्ण की बाललीलाओं का व्याख्यात पूज्य महाराजश्री ने किया। आज भगवान श्री कृष्ण की माखन चोरी लीला का वर्णन करते हुए, महाराज श्री ने कहा कि भक्तों का ह्रदय रूपी माखन की भगवान चोरी करते हैं, और यही माखन चोरी लीला का भाव है। तत्वपश्चात महाराज श्री ने भगवान की बाल लीलाओं के अन्तर्गत अरवल बन्धन ब्रह्म मोहन कालिया मंदन की लीलाओं का वर्णन किया। पूज्य श्री ने गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए कहा कि गोवर्धन लीला प्रसंग को सुनने के बाद ऐसा लगता है,कि भगवान ने देवपूजा का विरोध करके अपनी पूजा करवाई वस्तुतः भगवान ने देव पूजा का विरोध नही बल्कि रूढ़िवा दिन का विरोध किया। भगवान श्री कृष्ण ने सान वर्ष की अवस्था में ब्रजवशियो की रक्षा के लिए सात कोस के गिरिराज को उठाया जीवन में सात का अंक महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे जीवन में सात ही दिनों में अपना कल्याण करना है।
आज ब्रजवासियों के द्वारा लगाए गए छप्पन भोग की झांकी भी लगाई गई। छप्पन भोग का प्रसाद सभी भक्तो को प्राप्त हुआ। इस कथा के आयोजक श्री गोविन्द तिवारी एवं समस्त तिवारी परिवार है।