मुख्यमंत्री ने किया दो दिवसीय ‘हिमगिरी महोत्सव-2024″ की सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ।
देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है : मुख्यमंत्री।
देहरादून 6 जनवरी 2024।, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बी.आर. अम्बेडकर स्टेडियम कौलागढ़ रोड देहरादून में ओएनजीसी एवं उत्तराखंड सरकार के सहयोग से पर्वतीय सरोकारों के लिए समर्पित” हिमगिरि सोसाइटी” द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘हिमगिरी महोत्सव-2024″ का शुभारम्भ किया।
अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है। ऐसे आयोजन हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान कर आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने तथा सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करते हैं। इससे हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच उपलब्ध होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। संगठन चाहे वह सामाजिक, साहित्यिक हो या सांस्कृतिक उसमें बड़ी शक्ति होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हम आगे बढ़ रहे हैं। हमें भारत को पुनः विश्व गुरू के पद पर आरूढ़ करने के लिए हर परिस्थिति को पार करना है। भारत को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हर छोटी बड़ी कोशिश करनी है। श्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के ’विकल्प रहित संकल्प’ को प्राप्त करने हेतु अपने प्रयास निरंतर जारी रखने होंगे। मुख्यमंत्री ने सभी का आह्वान किया कि हमारे ये सभी प्रयास तभी सफल होंगे जब हम सब आपसी सहयोग से राज्य के विकास में अपना योगदान देंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने हिमगिरी सोसायटी स्मारिका और वेब साइट का भी लोकार्पण किया।
गौरतलब हो कि ओएनजीसी में कार्यरत उत्तराखंड़ के पर्वतीय मूल के लोगों द्वारा सामाजिक सरोकार को लेकर बनी हिमगिरी सोसाइटी के तीस वर्ष पूर्ण होने पर यह दो दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया, महोत्सव में कलाकारों के समावेश के साथ उत्तराखंड की थीम पर फैशन, कला प्रतियोगिता, गढ़वाली कुमाऊंनी कवि सम्मेलन, गीत संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ पर्वतीय क्षेत्र की स्वयं सहायता समूहों स्टाल लगाये गये |
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में पहाड़ से आये कलाकारों ने नंदादेवी राजजात यात्रा नृत्य, चौफला, तांदी और छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया, आर जे काव्या के संचालन शुरू हुई सांस्कृतिक और लोक गीत संध्या में गजेन्द्र राणा, किशन महिपाल, श्वेता माहरा, कैलाश कुमार रैशमा शाह, माया उपाध्याय और सन्नी दयाल आदि की गायिका का सांस्कृतिक संध्या में ठंड के बीच दर्शक देर सायं तक प्रस्तुति का लुफ्त उठाते रहे |
इस अवसर पर जनपद के इंटर विद्यालयों के 11 विद्यालयों के बीच क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी, जिसमें समर वैली को प्रथम, टौंस ब्रिज द्वितीय तथा केन्द्रीय विद्यालय ओएनजीसी को तृतीय स्थान मिला | इस क्विज कार्यक्रम को संचालित करने में के. के. शर्मा और राजीव जैन ने मुख्य भूमिका निभायी ।
कार्यक्रम के दोपहर के सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें राज्य के कवियों ने गढ़वाली कुमांऊनी और जौनसारी भाषा में अपने अपने काव्य पाठ किये, कवि भूपेंद्र बसेड़ा मन मेरा बोले जय श्री राम तन मेरा बोले जय श्री राम, सुनाने के साथ ही दर्शक जय श्री राम बोलने लगे, वहीं कवि कवि नीरज उत्तराखंड़ी ने बेटी पढ़ाव बेटी बचाव और हेबी बगत सुधरी जाव, वहीं कवि दिनेश जोशी ने ब्वै हूं कै त नाजाकै दाण, ब्वै राख छी, कविता सुनाई, वहीं कवियत्री भारती पांडेय ने बासा बासा धुधती धुर्राधुर लाम म स्वामी छन दूर, सुनाकर दर्शकों की वाही वाही लूटी, जौनसारी कवियत्री सुनीता चौहान ने लाट कटियो शुणिया मेरी बाता, कविता सुना कर बेटी का आह्वान किया, कवि प्रदीप रावत ने मेरू गांव छुई ला मुईमा रीती रिवाज सब्रा बिसरी सुनाई, कवि सम्मेलन का संचालन गढ़वाली की वरिष्ठ कवियत्री बीना बैंजवाल ने किया |
अनुरागी ब्रदर्श ने लोगों को किया भावविभोर :
इस दो दिवसीय महोत्सव का सबसे आकर्षण पौड़ी के दृष्टिहीन कलाकार भाई बहन अनुरागी ब्रदर्श की प्रस्तुति रही, अनुरागी ब्रदर्श की इस दो भाई निर्मल एवं मुकेश और एक बहन अंजली की इस जोड़ी ने जैसे ही लोकगीत ‘पदम सिंह गाड़ी चलौदू सारा सैण बटी’ गाया पंड़ाल में बैठा हर कोई उनकी गायकी का कायल हो गया , इसके बाद इन भाई बहन की जोड़ी ने ‘न सर्ग देखदा हम न धाम देखदा हम’ और ‘मुझको बस इतना बता दे कब कब तूने राम कहा है’ गाकर लोगों को भावविभोर कर दिया |
इन्हें मिला हिमगिरी गौरव सम्मान :
इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने उल्लेखनीय सेवाओं के लिये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रो.(डा.) डी. के. असवाल, कला एवं साहित्य में प्रो. शेखर चन्द्र जोशी और पर्यावरण (वन एवं जल संरक्षण)में सचिदानंद भारती को हिमगिरी गौरव से सम्मानित किया गया, वहीं ओएनजीसी के पूर्व निदेशक(अन्वेषण) डी. के. पाण्डेय को भी सीएम धामी ने लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया |
महोत्सव में लगे 25 से अधिक स्टाल :
हिमगिरी महोत्सव में स्वयं सहायता समूहों के 25 से अधिक स्टॉल लगे हैं, जिनमें हस्तशिल्प, उत्तराखंड़ परिधान स्टोर, यूकाॕस्ट, ज्योति पाड्या क्यूब विज्ञान, डिमरी मैटरस, राजकोट की इमीटेशन ज्वेलरी, हैडमेड सामाग्री, मिलेट और बहुत कुछ शामिल है, इसके अतिरिक्त, स्थानीय पारंपरिक और फ्यूजन भोजन पर आधारित फ़ूड स्टॉल शामिल हैं ।
शुभारंभ राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जायेगा, महोत्सव में राज्य सरकार के मंत्रीगण और सचिव स्तर के अधिकारियों को आने का निमंत्रण भी दिया गया है |
इस अवसर पर ओएनजीसी की निदेशक (अन्वेषण) सुषमा रावत, प्रधान निगमित प्रशासन आर एस नारायणी, विधायक सविता कपूर, कैलाश पंत, उत्तराखण्ड़ शासन के उच्च अधिकारीगण, हिमगिरी सोसाइटी के अध्यक्ष गोपाल जोशी, संरक्षक एच. एम. व्यास, एम. सी. पांडे, डी. एस. रावत, एल मोहन लखेड़ा, देवेन्द्र बिष्ट, संदीपसिंह बिष्ट, एम. एस. असवाल, हरीश बंगारी, आशीष चौहान, देवेन्द्र पोखरियाल, विजय मधुर, परमेश उनियाल मनमोहन नेगी और कुमारी विमला, शोभा नेगी के साथ महोत्सव की विभिन्न समितियों के प्रभारी और भाजपा नेता आदि उपस्थित थे।