भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहरों के सूचकांक के दूसरे संस्करण में दक्षिणी शहरों ने अधिक अंक प्राप्त किए
Ø चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई और हैदराबाद को भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष 5 शहरों में स्थान प्राप्त हुआ
Ø राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष 10 शहरों में शामिल हुई
Ø गुरूग्राम और जयपुर की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार।
देहरादून–07 जनवरी, 2024। विविधता, समानता एवं समावेशन (डीईआई) समाधानों में भारत की एक अग्रणी कंपनी अवतार ग्रुप ने आज ‘भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहर (टीसीडब्ल्यूआई)’ सूचकांक का दूसरा संस्करण जारी किया। महिलाओं के रोजगार पर अवतार के प्राथमिक शोध के अलावा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस जुलाई 2022-जून 2023), राष्ट्रीय जनगणना एवं अपराध रिकॉर्ड सहित विभिन्न सरकारी स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों को आत्मसात किया गया। शोध में जुलाई 2023 और दिसंबर 2023 के बीच आयोजित एक खुला सर्वेक्षण और फोकस समूह चर्चा (एफजीडी) शामिल थी जिसमें देश भर से 1200 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया था। कॉम्प्रीहेन्सिव सिटी इंक्लूजन स्कोर (सीआईएस) पर पहुंचने के लिए सर्वेक्षण और सरकारी डेटा दोनों से प्राप्त मेट्रिक्स का एक साथ आंकलन किया गया था।
चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद, दिल्ली, कोयंबटूर और जयपुर श्रेणी 1 में भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष 10 शहरों के रूप में उभरे हैं, जिसमें दस लाख से अधिक आबादी वाली शहरें शामिल हैं। राष्ट्रीय राजधानी इस संस्करण में 8वें स्थान पर रहकर शीर्ष 10 में पहली बार शामिल हुई है। तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई का प्रदर्शन सराहनीय है – इसने अपनी नंबर 1 रैंकिंग बरकरार रखते हुए महिलाओं के लिए शीर्ष शहर के रूप में अपना स्थान मजबूत किया है।
तिरुचिरापल्ली, वेल्लोर, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, शिमला, सेलम, इरोड, तिरुप्पुर, गुरुग्राम और पुडुचेरी महिलाओं के लिए शीर्ष शहरों की श्रेणी 2 (दस लाख से कम आबादी वाली शहरों) में शामिल हैं।
देश की आर्थिक वृद्धि में इन शहरों की भूमिका के आधार पर किए गए अध्ययन में कुल 113 शहरों की पहचान की गई। सूची में 113 शहरों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। श्रेणी 1 में दस लाख से अधिक आबादी वाली 49 शहर शामिल हैं और श्रेणी 2 में दस लाख से कम आबादी वाली 64 शहरें शामिल हैं। सिटी इंक्लूजन स्कोर (सीआईएस) जो शहरों की रैंकिंग निर्धारित करता है, तीन स्तंभों पर आधारित है – सामाजिक समावेशन स्कोर (एसआईएस), औद्योगिक समावेशन स्कोर (आईआईएस) एवं नागरिक अनुभव स्कोर (सीईएस)। जबकि सामाजिक समावेशन स्कोर बाहरी सामाजिक परिवेश पर ध्यान केंद्रित करता है, औद्योगिक समावेशन स्कोर इस बात का मूल्यांकन करता है कि संगठन किस हद तक महिलाओं को अपने कार्यबल में शामिल करते हैं। सीईएस का निर्माण करने के लिए एफजीडी और सर्वेक्षण के माध्यम से भारत भर की महिलाओं से एकत्र किए गए डेटा का उपयोग किया गया था।
जबकि भारत में समावेशी एवं न्यायसंगत शहरों का निर्माण अभी भी प्रगतिधीन है, दक्षिणी शहरें जहाँ सक्षम सरकारी नीतियाँ होने के साथ-साथ जिनका एक मजबूत ऐतिहासिक और सामाजिक पहलू भी रहा है, वे लिंग-प्रगतिशील आवास वातावरण में योगदान करते हैं जिससे शहरों को सूचकांक में शामिल होने का अवसर मिल रहा है।
जनसंख्या के लिहाज से दोनों श्रेणियों में तमिलनाडु के शहरों का दबदबा है, जिसमें चेन्नई दस लाख से अधिक की श्रेणी में और तिरुचिरापल्ली दस लाख से कम की श्रेणी में शीर्ष स्थान पर है।
दस लाख से कम आबादी वाली श्रेणी के 10 में से 8 शहर भारत के दक्षिणी भाग से हैं – तिरुचिरापल्ली, वेल्लोर, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, सलेम, इरोड, तिरुपुर और पुडुचेरी। केवल दो शहर – शिमला और गुरुग्राम उत्तरी क्षेत्र से हैं। चेन्नई और कोयंबटूर के साथ तमिलनाडु, एवं मुंबई और पुणे के साथ महाराष्ट्र एकमात्र राज्य हैं, जिनमें से प्रत्येक के दो-दो शहर दस लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हैं, जिन्होंने शीर्ष 10 सूचकांक में जगह बनाई है।
घोषणा पर बोलते हुए, अवतार समूह के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ सौंदर्या राजेश ने कहा, “रोजगार के जीवंत अवसर, शैक्षिक और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं सहित जीवन की अच्छी गुणवत्ता, परिवहन नेटवर्क का उत्तम जुड़ाव, सुरक्षा का अनुभव महिलाओं के लिए समावेशी शहरों की परिभाषित विशेषताएं हैं। अवतार का वार्षिक सूचकांक, भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहर देश में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी बढ़ाने के लिए न्यायसंगत मार्ग बनाने का एक स्पष्ट आह्वान है। महिलाओं के समावेशन के प्रति भारतीय शहरों के लोकाचार की हमारी डेटा-संचालित और साक्ष्य-आधारित समझ हमारे देश को 2027 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में मदद करेगी – जैसा कि हमारे माननीय प्रधान मंत्री ने कल्पना की है। ऐसा माहौल बनाना जहां महिलाएं आगे बढ़ें, नेतृत्व करें और अपनी पूरी क्षमता से योगदान दें, इस लक्ष्य में महत्वपूर्ण है।”
भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहर 2023 रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
Ø तमिलनाडु के 7 शहर सभी श्रेणियों में भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहरों में शामिल हैं।
Ø दस लाख से कम श्रेणी में दक्षिणी शहरों का दबदबा है – 10 में से 8 शहर दक्षिण से हैं।
Ø दस लाख से अधिक की श्रेणी में टीसीडब्ल्यूआई सूची में जयपुर को 10वां स्थान प्राप्त हुआ।
Ø दस लाख से कम की श्रेणी में औद्योगिक समावेशन में गुरुग्राम पहले स्थान पर है।
Ø सर्वेक्षण में शामिल 32% महिलाएं अपने शहरों में रात 8 बजे के बाद बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस करती हैं और 21% महिलाएं अपनी सुरक्षा के बारे में अनिश्चित महसूस करती हैं।
Ø महिलाएं शैक्षिक एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में भारतीय शहरों को सर्वश्रेष्ठ मानती हैं।
Ø 31% महिलाओं को लगता है कि उनके शहरों में उनकी पसंद की पोशाक के आधार पर उन्हें आंका जाता है, जबकि 30% ने मिश्रित अनुभव बताया।
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