जनकवि अतुल शर्मा ने सुशीला बलूनी के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए शेयर की आंदोलन की यादें।

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देहरादून 10 मई 2023।

वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आन्दोलन कारी नेत्री सुशीला बलूनी जी को सादर श्रद्धांजलि🙏

याद है मुझे कि जब आन्दोलन के दौरान कर्फ्यू लगा तब आदरणीय सुशीला बलूनी जी ने आवाज़ उठाई,,,, क ई बार जेल यात्रा की और बरबर लाठी चार्ज झेला / जब लाठी चार्ज के दौरान घायल होकर आस्पताल भर्ती थी तो हम भी वही थे,,,,
उन्हें देखने जब कोई शायद विधायक आये तो उन्होंने कराहते हुए मेरा हाथ पकड़ कर कहा,,,, औरतो की मुट्ठियाँ मशाल बन गयी संभल” ,,,, उन्होंने मेरा लिखा सर्वाधिक लोकप्रिय जन गीत की पंक्ति कही,,,, वे मेरा लिखा आन्दोलन का जन गीत बहुत जोश मे गाती थी मशाल जुलूस़ो मे,,,,,
न जाने कितनी बार जेल गयी,,,, जब रणजीत सिंह वर्मा क़ो पुलिस ने घसीटा तो उन्होंने जबरदस्त विरोध किया और पुलिस ने उनपर बरबर लाठी बरसाई,,,,
उन्होंने आन्दोलन मे पहली बड़ी और महत्वपूर्ण भूख हड़ताल की,,,, थी, आन्दोलन क़ो गति मिली थी,,,, नेतृत्व किया था उन्होंने,,,,
वे गांधीवादी विचार की थी,,,
राज्य आन्दोलन से पहले के भी कयी संस्मरण है मेरे साथ,,,
एक बार महान जनकवि बाबा नागार्जुन जब डी ए वी पी जी कालेज मे आये तो वहाँ कार्यक्रम का संचालन मैने किया था, फिर बाबा नागार्जुन हमारे घर आ गये तो सुशीला बलूनी भी साथ थीं/ उनके आग्रह से बाबा उनके घर भी गये,,,,

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राज्य बनने के बाद वे महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही और राज्य आन्दोलनकारि सम्मान परिषद की उपाध्यक्ष भी रही,,,,
राज्य की समस्याएं लगातार उठाती रही /

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आज उनका मैक्स अस्पताल मे निधन हो गया,,,, सादर श्रद्धांजलि🙏

_डा अतुल शर्मा

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