हेल्थ आईडी के लिये आयोजित होंगे सेमिनारः डॉ0 धन सिंह रावत। स्वास्थ्य मंत्री ने मिशन स्टेरिंग ग्रुप की बैठक में रखा प्रस्ताव।
कहा, सूबे में 26 लाख लोगों की बन चुकी डिजिटल हेल्थ आईडी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई एमएसजी बैठक।
शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।8210438343,9771609900
देहरादून 1 सितम्बर 2022।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुढृढ करने, केन्द्रीय वित्त पोषित स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आम जन को उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत राज्य में डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। जिसके तहत राज्य में अब तक 26 लाख से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जा चुकी है। राज्य में एकीकृत डिजिटल हेल्थ सिस्टम विकसित करने के लिये ग्रास रूट पर काम किया जा रहा है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में दिल्ली में मिशन स्टेरिंग ग्रुप (एमएसजी) की पहली बैठक में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने उपरोक्त तथ्य रखे।
मीडिया को जारी एक बयान में डॉ0 रावत ने बताया कि मिशन स्टेरिंग ग्रुप में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया को फोकस में रखते हुये जन-धन खातों की तर्ज पर एबीडीएम के तहत देशभर में प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाये जा रहे हैं। ताकि प्रत्येक व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री को संरक्षित रखा जा सके और भविष्य में जरूरत पड़ने पर या फिर बीमार होने पर चिकित्सक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मेडिकल हिस्ट्री देखकर संबंधित व्यक्ति का सही उपचार कर सके।
डॉ0 रावत ने बताया कि उत्तराखंड में अब तक 26 लाख से अधिक लोगों ने अपनी डिजिटल हेल्थ आईडी बना ली है, जिसमें 1032 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (एचपीआर) एवं 168 हेल्थ फैसिलिटी पंजीकरण (एचएफआर) भी शामिल है। एमएसजी बैठक में डॉ0 रावत ने प्रत्येक जनपद में सेमीनार आयोजित कर निःशुल्क डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सहित अन्य सदस्यों ने भी सहमति जताई। उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के लिये अब जनपद स्तर पर सेमीनार आयोजित कर आम लोगों को डिजिटल हेल्थ आई बनाने के लिये प्रेरित किया जायेगा।
आशाओं एवं अन्य हेल्थ वर्करों के सहयोग से शत-प्रतिशत लोगों की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाई जायेगी। इससे पहले आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत उत्तराखंड, हिमाचल एवं हरियाणा राज्य की प्रगति को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें आयुष्मान योजना का लाभ पहुंचाने एवं सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाने को लेकर विस्तारपूर्वक विचार-विमार्श किया गया। उन्होंने बताया कि सूबे में अब तक करीब 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं तथा योजना के अंतर्गत 5.50 लाख से अधिक लोगों का उपचार भी किया जा चुका है। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे बेहत्तर कार्यों के लिये डॉ0 धन सिंह रावत की जमकर सराहना की।