मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के 40वें ज्ञानदीक्षा समारोह में किया प्रतिभाग।

0
IMG-20220903-WA0084
Spread the love

शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।8210438343,9771609900
हरिद्वार 3 सितंबर 2022।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के 40वें ज्ञानदीक्षा समारोह में प्रतिभाग किया किया। मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सभी छात्र अपने परिश्रम से इस ज्ञान की गंगोत्री को सफल बनाते हुए आगे बढ़ाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि इस परमधाम में इस मौके पर आने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। प्रतिवर्ष 21 जून को आयोजित होने वाला योग दिवस इसका एक उदाहरण है।

यह भी पढ़ें -  केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम का उत्तराखण्ड आगमन पर कैबिनेट मंत्री गणेश जशी ने किया स्वागत एवं अभिनंदन ।

मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबको यहाँ बुलाया गया है, आप सब विशिष्ट कार्य के लिए बने हैं। मुख्यमंत्री ने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि हम सब को यह संकल्प लेना चाहिए कि इस ज्ञान की गंगा के प्रभाव को कम नहीं होने देंगे और नए भारत को बनाने में सभी योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा हम सब के पास आने वाले 25 वर्षों में अमृत काल को स्वर्णिम अक्षरों में लिखने का मौका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू इंडिया का जो सपना देखा है हम सबको उस सपने को साकार करने में अपना योगदान देना है।

यह भी पढ़ें -  मेरो प्यारो उत्तराखंड कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने की शिरकत।

मुख्यमंत्री ने गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा को याद करते हुए कहा कि इस संसार में बहुत कम गिने-चुने लोग हैं जिन्होंने अपने विचारों से करोड़ों लोगों का जीवन बदला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा समाज में जनजागृति लाने का पुनीत कार्य भी किया गया।

यह भी पढ़ें -  कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून में ऑल इंडिया शहीद लेफ्टिनेंट गौतम बॉक्सिंग टूर्नामेंट का किया शुभारंभ।

कार्यक्रम में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने आनलाइन जुडकर समारोह की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ज्ञानदीक्षा संस्कार विद्यार्थियों को नवजीवन प्रदान करने वाला है। जीवन में आध्यात्मिकता को उतारने का यह श्रेष्ठ अवसर है। उन्होंने कहा कि यहाँ पाठ्यक्रम के अलावा जीवन जीने की कला सिखाई जाती है, जो विद्यार्थियों को ऊँचा उठाने में सहायक है।

कार्यक्रम में कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, देश-विदेश से आये विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page