निर्बाध बिजली आपूर्ति के पैमाने पर नाकाम सिद्ध हुई भाजपा : राजीव महर्षि। प्रदेश के उद्योग धंधे, किसान, व्यापारी, छात्र और ग्रामीण परेशान, आरोप लगाया – बिजली संकट को गंभीरता से नहीं ले रही सरकार।

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शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।8210438343,9771609900
देहरादून 21 अप्रैल 2022।
ऊर्जा प्रदेश कहलाने वाले राज्य में भारी बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए धामी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने प्रदेश में की जा रही बेतहाशा बिजली कटौती को अभिशाप बताते हुए कहा कि समय रहते सरकार इन्तजाम करने में नाकाम रही है और उसका नतीजा बेकसूर लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

लोगों का कसूर सिर्फ इतना है कि उन्होंने भाजपा को प्रचन्ड बहुमत दिया और बदले में उन्हें भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार शुरू हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां तीन से चार घंटे कटौती हो रही है तो वहीं फर्नेस और उद्योगों को भी चार से पांच घंटे तक की कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

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निकट भविष्य में सरकार के लचर प्रबंधन के चलते यह संकट और बढ़ने वाला है। महर्षि ने कहा कि उधोगों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से स्थिति बहुत खराब हो गई है। दिनभर में छह से आठ घंटे तक बिजली नहीं आ रही है।

इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा है। गाँवो में बिजली आधारित छोटे कारोबार चौपट हो गए हैं। लोग गेंहू तक नहीं पिसवा पा रहे हैं, ऊपर से बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई है। सरकार लोगों को राहत पहुंचाने के बजाय परेशानी को बढ़ा रही है।

उन्होंने कहा कि अभी गर्मी की शुरुआत ही हुई है, कुछ दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, तब बिजली की मांग कितनी बढ़ेगी, उसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है, तब कितनी कटौती होगी, और लोगों का गुजर बसर कैसे होगा, सरकार को इस बारे में भी सोचना होगा।
महर्षि ने कहा कि जुमलों के जरिये सत्ता हथियाने वाली भाजपा ने कोई दीर्घकालीन योजना नहीं बनाई है।

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अगर अब भी समय रहते सौर ऊर्जा पर सरकार ध्यान दे तो भविष्य के लिए समस्या का समाधान हो सकता है। पहाड़ में बंजर होते खेतों में सौर ऊर्जा सन्यन्त्र लगाए जा सकते हैं। इससे न सिर्फ पलायन रुक सकता है बल्कि ऊर्जा जरूरतें भी पूरी होंगी और लोगों को रोजगार भी मिल सकता है लेकिन सरकारी तन्त्र की चकरघिन्नी ऐसी है कि पहाड़ का कोई उद्यमी आगे आना भी चाहे तो सरकार के पास प्रोत्साहन की कोई नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल जुबानी जमा खर्च से सरकार नहीं चलती।

लोगों ने भाजपा को बिजली कटौती के लिए वोट नहीं दिया था। समस्या के समाधान की उम्मीद में सत्ता सौन्पी थी जबकि भाजपा जनादेश का अपमान करते हुए अपनी नाकामी छिपाना चाह रही है। यह जनता के साथ पाप है और इस पाप के लिए उसे जनता ने सिहासन नहीं सौंपा था। उन्होंने मांग की है कि छोटे कारोबरियो, किसानों, व्यापारियो और छात्रों को हो रही समस्या का तुरंत समाधान करे अन्यथा लोग सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएँगे और झूठे वायदे कर सत्ता में आई भाजपा के लोगों को सिर छिपाने की जगह नहीं मिलेगी।

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महर्षि ने कहा कि अभी गर्मी के मौसम की शुरुआत हो रही है, अगले तीन माह की स्थिति का अनुमान लगा कर ही चिन्ता बढ़ रही है, लिहाजा सरकार को युद्धस्तर पर काम करने की जरूरत है ताकि लोगों की दिक्कतें कम हों। लोगों ने वोट इसीलिए दिया है। परेशानी भुगतने के लिए नहीं।

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