नाबार्ड से सहकारी बैंकों को मिला 75 लाख का अनुदान। सहकारिता मंत्री डॉ0 रावत ने बैंकों को वितरित किये स्वीकृति पत्र।

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एयूए/केयूए सदस्यता प्राप्त करने से बैंक ग्राहकों को मिलेगी त्वरित सेवा

शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।8210438343,9771609900
देहरादून, 18 अप्रैल 2022
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई से एयूए/केयूए सदस्यता प्राप्त करने के लिए सूबे के सहकारिता मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने राज्य सहकारी बैंकों एवं जिला सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों को नाबार्ड द्वारा स्वीकृति 75 लाख की धनराशि के स्वीकृति पत्र वितरित किये।

बैंकों को एयूए/केयूए की सदस्यता प्राप्त करने के बाद बैंक ग्राहकों के आधार के साथ उनकी पहचान का मिलान कर त्वरित सेवा प्रदान करने में मदद मिलेगी।

नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय आईटी पार्क देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में डॉ0 धन सिंह रावत ने राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों को यूएयू/केयूए सदस्यता प्राप्त कर नाबर्ड द्वारा 75 लाख की धनराशि स्वीकृत करने पर नाबार्ड प्रबंधन का आभार व्यक्त किया।

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उन्होंने कहा कि इससे सहकारी क्षेत्र के वित्तीय एवं प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी नाबार्ड द्वारा राज्य सहकारी बैंक, जिला सहकारी बैंको तथा पैक्स समितियों को कम्प्यूटराईज करने में विशेश योगदान दे चुका है।

विभागीय मंत्री ने राज्य में सहाकारी व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए निकट भविश्य में एक चिंतन बैठक आयोजित करने पर जोर दिया। उन्होंने दस मॉडल सहकारी गांव बनाने के साथ-साथ अगले तीन माह में पैक्स समितियों का सौ प्रतिशत कम्प्यूटरीकरण सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

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कार्यक्रम में नाबार्ड महाप्रबंधक अरूण प्रकाश दास ने युवा ग्रहकों को आकर्शित करने तथा बैंकिंग उद्योग में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई आधारित भुगतान आदि नवीनतम टेक्नोलॉजी अपनाने का अहवान किया।

उन्होंने पैक्स कम्प्यूटरीकरण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए बैंकों को इस कार्य में और तेजी लाने की सलाह दी, कहा कि पैक्स के काम को सुव्यवस्थित करते हुए इसकी व्यवसायिक संभावनाओं को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ त्रिस्तरीय सहकारी संरचना के सभी क्षेत्रों में दिखाई देगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्य सहकारी बैंक की प्रबंध निदेशक ईरा उप्रेती ने भरोसा दिलाया कि सहकारी बैंकों के माध्यम से राज्य में ऋण प्रवाह को बढ़ाने का धरातल पर प्रयास किया जायेगा। इसके साथ ही बैंक के ग्राहकों को मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग सेवा प्रदान करने के लिए आरबीआई की मंजूरी प्राप्त करने के लिए शुद्ध एनपीए को न्यूनतम मानकों तक लाना होगा। कार्यक्रम में ‘किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी’ श्लोगन के माध्यम से केसीसी संतृप्ति, एमएससी पर विशेश ध्यान देने, पैक्स समितियों के व्यापार विविधिकरण, पैक्स के बीमा सीमा में वृद्धि, शासन स्तर के मुद्दों और वित्तीय समावेशन जैसे बिन्दुओं पर गंभीरत से चर्चा की गई।

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बैठक में नाबार्ड के उप महाप्रबंधक एस.एन.बिरला, राज्य एवं जिला सहकारी बैंकों के प्रतिनिधि, नाबार्ड के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।


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