जर्मनी से लौटे शहरी विकास मंत्री डा. अग्रवाल, स्टडी टूर के दौरान मिली जानकारियां की साझा।

0
IMG-20220923-WA0221
Spread the love

मंत्री डा. अग्रवाल बोले, उत्तराखंड में स्टडी टूर का लाभ जल्द देखने को मिलेगा

जीआईजेड कंपनी के निमंत्रण व उनके ही खर्च पर पांच दिवसीय जर्मनी में स्टडी टूर पर गये थे मंत्री व विभागीय अधिकारी

शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय।8210438343,9771609900
देहरादून 24 सितंबर 2022।
जर्मनी से स्टडी टूर के बाद लौटे उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने पांच दिवसीय जर्मनी यात्रा साझा की। मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि इस स्टडी टूर का लाभ निश्चित रूप से उत्तराखंड में भी देखने को मिलेगा।

कैबिनेट मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि जर्मनी में कूड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में जीआईजेड कंपनी भी जर्मनी की ही तर्ज पर कार्य कर रही है। डा. अग्रवाल जी ने बताया कि जीआईजेड कंपनी के ही निमंत्रण और उनके ही खर्चें पर वह और विभागीय अधिकारी स्टडी टूर पर गये थे। बताया कि जर्मनी में स्टडी टूर के दौरान पाया कि कूड़ा एकत्र कर अच्छा मैनेजमेंट किया जाता है। वहां अलग-अलग कूड़े को उपयोग में लाया जाता है।

यह भी पढ़ें -  मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के सम्बन्ध में अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक

डा. अग्रवाल ने बताया कि वहां प्लास्टिक को बहुत बारिक कर उससे बिजली पैदा की जाती है। उस बिजली का उपयोग अपने शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में किया जाता है। डा. अग्रवाल जी ने बताया कि जिस वस्तु को हमारे यहां खराब समझा जाता है, वहीं, खराब वस्तु से जर्मनी में कमाई की जाती है।

यह भी पढ़ें -  कोटद्वार को मिला करोड़ों की सौगात।

डा. अग्रवाल ने बताया कि जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में 18 वर्षों से जमे कूड़े के पहाड़ से गैस बनाई गई है। यही नहीं, कूड़े के पहाड़ वाली जगह पर हरियाली भी पैदा की गई है। इसके अलावा बर्फीली वादियों में होने के साथ ही वहां स्कीइंग भी की जाती है। इससे पर्यटन को भी इजाफा मिल रहा है।

यह भी पढ़ें -  विधानसभा अध्यक्ष ने किया “डिजिटल कार्व एंड हैंडीक्राफ्ट” फर्म का दौरा, स्वरोजगार की मिसाल बने सेहवाल रावत।

डा. अग्रवाल ने बताया कि पांच दिवसीय स्टडी टूर पर जर्मनी में विभिन्न प्रोजेक्ट का भौतिक अध्ययन किया और वहां प्रोफेसर्स से मुलाकात कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर जर्मनी की कार्यप्रणाली से भी रूबरू हुए।

डा. अग्रवाल ने बताया कि जर्मनी जाकर वहां बारिकी से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के विषय में जानकारियां प्राप्त हुई है। कहा कि इस स्टडी टूर का लाभ निश्चित रूप से उत्तराखंड में भी देखने को मिलेगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page