देहरादून मे दशहरा ,,,, बचपन की यादें,,,, अतुल शर्मा।

0
Spread the love

देहरादून 24 अक्टूबर 2023।
दशहरे के दिन दोपहर पांच बजे से लोगों का परेड ग्राउंड की तरफ जाना शुरू हो जाता था,,,, हमारे सुभाष रोड स्थित मकान के सामने से लोग बाते करते हुए निकलने लगते,, परेड ग्राउंड मे रावण दहन के अवसर पर,,,,
तब देहरादून मे नहरें बहुत थीं,,,, सड़कों के किनारे,,, बस उसी के साथ जन समुदाय उमड़ पड़ता,,, शहर के कोने कोने से,,, इनमे ज्यादातर पैदल चलने वाले लोग होते,,,, क ई लोग हमारे घर पर साइकिल स्कूटर, रख जाते और बच्चों के साथ चल देते रावण दहन के लिए,,,,,

रेंजर्स कालेज मे लगे बांस के पेड़ों और परेड ग्राउंड से दिखते हुए मंसूरी और आस पास की पहाडियां मनोहारी छटा बिखेरती,,, तब परेड़ ग्राउंड मे एक दो बिल्डिंग ही थीं, सरकारी स्कूल और संगीत समिति,,, बाकी विस्तृत मैदान,,,, जिसमे अपार जन समुदाय,,,, रावण कुम्भकर्ण मेघनाद के पुतले नज़र आते,,,, क ई बार पापा हमे अपने कंधे पर बैठाकर ये पुतले दिखाते,,, हमारी नज़र तीर कमान, गदे, और अन्य लकड़ी और बांस से बने खिलौने पर केन्द्रित रहती ,,,,

यह भी पढ़ें -  कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित, ईमानदार, बेदाग छवि और कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी किया पेश ।

समय बीता और लगभग दस साल बाद भी यही तसवीर थी,,,,
बस हमे अपनी यादों मे बहुत लोग बसे हुए हैं,,,,, जिनमे महापंडित राहुल सांकृत्यायन भी रहते,,,,
पिताजी के मित्र और प्रसिद्ध फोटोग्राफर ब्रह्म देव जी अपने कैमरों के साथ रहते,,, उनकी फोटो साप्ताहिक हिन्दुस्तान और घर्म युग के साथ इडेस्ट्रेटिड वीकली के कवर पेज मे प्रकाशित होती थी,,,,, वहां कैमरा लेकर दिवान सिंह कुमैया, गोयल जी, बोरा जी और खुल्लर जी भी होते /

यह भी पढ़ें -  1971 भारत- पाकिस्तान युद्ध, विजय दिवस समारोह में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि।

जब मै सैंटथोमस स्कूल से गांधी इंटर कॉलेज मे पढ़ने लगा तब मुझे पता चला कि यह रावण और कुम्भकरण, व मेघनाद के विशाल पुतले बनाता कौन है,,,, मन्नू गंज के समीप रहने वाले हमारे मास्टर साहब थे इसे बनाने वाले,,,, वे हमे ज्योमैट्रिकृ आर्ट सिखाते थे / उनका नाम राम चन्दर गुरु जी था,,,, सीधे साधे इंसान थे,,, बन्नूवाल बिरादरी के थे वे,,, /
गजब के कलाकार,,,,
सह पाठियो मे विजय ( तरुण विजय पर्व राज्य सभा सदस्य, पूर्व संपादक पांचजन्य) , दिनेश ( डा डी एन काला) फरीद भाई,, ( संपर्क हिमालयन ड्रग्स) , आदि होते) /

एक दशहरे मे हमने भी अपने इलाके मे रावण दहन का कार्य क्रम रखा,,, हमने रावण बनाया,,, था,,, तब वहां छोटे से इलाके मे तीन मैदान थे,,,

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी से गजराज सिंह बिष्ट होंगे नगर निगम प्रत्याशी

जो लोग हमारे घर पर साइकिल स्कूटर छोड़ कर जाते वे लौट कर हमारे घर खाना खा कर ही जाते,,,, बहुत पारिवारिक माहौल होता,,,,,
हमारे बनाये रावण के पुतले मे लगे पटाखे और बम फूटे ही नही,, तो बाद मे अलग से उन्हे फोड़ा गया था,,,,

वक्त गुज़रा पर उत्साह कम नहीं हुआ,,, मुख अतिथि के तौरपर कोई मंत्री, विधायक या संसद सदस्य होते साथ मे डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट आदि,,,, हमारे पारिवारिक ही होते ये,,, एक बार जिलाधिकारी अयोध्या प्रसाद दीक्षित जी भी थे,,,,

परेड ग्राउंड तब वास्तव मे ग्राउंड ही था,,,,,

_डा अतुल शर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page